ग्वालियर। पूरे देश में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. देशभर के मंदिरों और राधा कृष्ण की प्रतिमाओं को विशेष श्रंगार से सजाया गया है. ग्वालियर के 102 वर्ष पुराने गोपाल मंदिर में जन्माष्टमी का पर्व बेहद खास होता है. रियासतकालीन मंदिर में राधाकृष्ण प्रतिमाओं को करोड़ों रुपए के हीरे-जवाहरात जड़े जेवरातों से सजाया जाता है. ग्वालियर के फूलबाग स्थित सिंधियाकालीन 102 साल पुराने इस मंदिर में मौजूद राधा कृष्ण की मूर्तियों को जन्माष्टमी पर खास जेवरातों से सजाया गया है.
प्रतिमाओं को रत्नजड़ित आभूषणों से सजाया :प्रतिमाओं को रत्नजड़ित आभूषणों से सुसज्जित किया गया है, जिनकी कीमत लगभग 100 करोड़ रुपये से भी ज्यादा है. हीरे, मोती, पन्ने जैसे बेशकीमती रत्नों से सुसज्जित भगवान के मुकुट और अन्य आभूषण हैं. देश की स्वतंत्रता से पहले तक भगवान इन जेवरातों से श्रंगारित रहते थे, लेकिन देश आजाद होने के बाद से जेवरात बैंक के लॉकर में कैद पड़े थे. जो 2007 में नगर निगम की देखरेख में आए और तब से लेकर हर जन्माष्टमी पर राधा-कृष्ण की प्रतिमाओं को बेशकीमती जेवरात पहनाए जाते हैं.