ग्वालियर।मध्य प्रदेश के ग्वालियर नगर निगम में 57 साल बाद कांग्रेस ने इतिहास रचा है (BJP lost in Gwalior after 57 years). अब की बार कांग्रेस का ऐसा जादू चला जिसमें बीजेपी का सूपड़ा साफ कर दिया. कांग्रेस की महापौर प्रत्याशी शोभा सिकरवार ने भाजपा की सुमन शर्मा को 28,805 मतों से हराया. कांग्रेस को कुल वोट 2,35,154 मिले, तो वहीं भाजपा को कुल वोट 2,06,349 मिले. इस निकाय चुनाव में बीजेपी हारी ही नहीं है बल्कि शर्मनाक दौर से गुजरी है. इतिहास में पहली बार देखने को मिला है कि बीजेपी को बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा है.(MP Nagar Nigam Election Results)
बीजेपी को मिली बुरी हार:ये पहली बार हुआ है कि मतगणना के दौरान पहले राउंड से लेकर अंतिम राउंड तक कांग्रेस बीजेपी से आगे निकल गई. मतगणना के दौरान पहले राउंड से लेकर अंतिम राउंड तक बीजेपी को हार का मुंह देखना पड़ा. मतलब हर राउंड में कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी शिकस्त दी है. इसके साथ ही इस बार अंचल में बीजेपी के दिग्गज नेताओं का कोई भी असर जनता पर देखने को नहीं मिला है. हालात यह है कि ग्वालियर के दिग्गज कहे जाने वाले नेता भी अपने वार्ड को नहीं बचा पाए.(MP Municipal Election Result 2022)
कांग्रेस ने ढहाया भाजपा के 57 साल का किला:ग्वालियर के नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी के किले को कांग्रेस ने ढहा दिया. इतिहास में ऐसा पहली बार देखने को मिला है कि मतगणना के दौरान जब पहले राउंड की गिनती शुरू हुई तो उसी समय से बीजेपी की हार शुरू हो गई, और हालात ऐसे बने कि हर राउंड में कांग्रेस ने बीजेपी को आगे नहीं बढ़ने दिया. जब पहले राउंड की शुरुआत हुई तो बीजेपी के खाते में 13,674 वोट तो वहीं कांग्रेस को 12,297 वोट मिले. दूसरे राउंड में बीजेपी को 13,963 तो कांग्रेस 12,154 वोट मिले. ऐसे ही कुल 35 राउंड हुए और इन 35 राउंड में बीजेपी कांग्रेस से आगे नहीं निकल पाई.(Gwalior municipal election)
अपने वार्ड से ही हार गए बीजेपी दिग्गज नेता: ग्वालियर के नगर निगम चुनाव में कांग्रेस की ऐसी आंधी आई, जिसमें शहर के बीजेपी के दिग्गज नेता केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर(Pradyuman Singh Tomar), निगम के अध्यक्ष और सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल अपने वार्ड तक नहीं बचा पाए. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया(Jyotiraditya Scindia) के वार्ड में बीजेपी ने अपनी सीट तो बचा ली, लेकिन सिंधिया की पोलिंग बूथ पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा. इससे साफ जाहिर होता है कि जिन दिग्गजों के कंधों पर बीजेपी को जिताने की जिम्मेदारी थी वह अपने वार्ड को भी नहीं बचा सके.