ग्वालियर।पिछले एक सप्ताह से चंबल अंचल में बाढ़ ने तबाही मचा रखी है.चंबल किनारे के 2 सौ से अधिक गांव टापू में तब्दील हो चुके हैं. मतलब गांव में कोई भी ऐसा घर नहीं बचा है जिसमें 10 फीट तक पानी ना भरा हो. कई लोग गांव खाली करके जा चुके हैं. जो बचे हैं वे अपने घरों की छत पर बैठकर सरकारी मदद की आस लगाए हुए हैं. तबाही के मंजर से परेशान लोगों का हाल जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ग्राउंड जीरो पर चंबल इलाके के उस गांव में पहुंची जहां पूरा गांव टापू बन चुका है. यहां हर तरफ पानी ही पानी है और गांव में बचे हुए लोग घरों की छत पर बैठेकर जिंदगी जीने को मजबूर हैं. (MP Heavy Rain) (Gwalior Heavy Rain)
Gwalior Flood बर्बादी की बाढ़, छलका पीड़ितों का दर्द, पिछले साल हुई तबाही का अब तक नहीं मिला मुआवजा, देखें Ground Report - ग्वालियर चंबल का जलस्तर बढ़ा
ETV Bharat Ground Report चंबल नदी में उफान के कारण चंबल घाटी पानी पानी हो गई. यहां मौजूद कई गांव पिछले 3 साल से लगातार भीषण बाढ़ का सामना कर रहे हैं. हर साल बारिश और बाढ़ के बाद गांव में तबाही का मंजर होता, लेकिन इस बार बाढ़ ने 30 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. इस गांव में कोई भी एक ऐसा घर नहीं बचा जो पूरी तरह पानी में नहीं डूबा हो. लोगों को समझने का मौका भी नहीं मिल पाया उनका अनाज, राशन, गृहस्थी का सामान पूरी तरह पानी में डूब गया. प्रभावितों की मदद के वादे तो कई हुए लेकिन हाल ये है कि पिछले साल की गई घोषणाएं और मुआवजा देने का वादा प्रशासन अब तक पूरा नहीं कर पाया है. MP Heavy Rain, Gwalior Heavy Rain.
एक साल बीतने के बाद भी नहीं मिला मुआवजा: पिछले साल ग्वालियर चंबल अंचल में बाढ़ ने तबाही मचाई थी. ग्वालियर चंबल अंचल के लगभग 2000 से अधिक ऐसे गांव थे जो बाढ़ से पूरी तरह तबाह हो चुके थे. इसके साथ ही ग्वालियर चंबल अंचल में 10000 करोड रुपए का नुकसान हुआ था. सैकड़ों मवेशी पानी में बह गए थे. 100000 हेक्टेयर से अधिक फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई थी. उस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि, तत्काल बाढ़ पीड़ितों को मदद दी जाएगी. मुआवजे के रूप में उसकी पूरी भरपाई की जाएगी, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी किसी भी तरह की कोई सरकारी मदद नहीं मिली है. (ETV Bharat Ground Report)