ग्वालियर। मध्यप्रदेश में आम लोगों की परेशानी के निवारण के लिए सीएम हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत की गई थी. सीएम हेल्पलाइन आम लोगों की परेशानी का निवारण तो नहीं कर पा रही है, लेकिन अधिकारियों के लिए मुसीबत बन चुकी है. हालात यह है कि अधिकारी अब आमजन की शिकायत और समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. इसका कारण यह है कि, ग्वालियर में सबसे ज्यादा सीएम हेल्पलाइन की पेंडेंसी हैं. कुल अलग-अलग विभागों में 15,000 से अधिक सीएम हेल्पलाइन की पेंडेंसी पहुंच गई है और अधिकारी अपनी इस नाकामी को छुपाने के लिए अलग-अलग बहाना बना रहे हैं.
पंद्रह हजार से ज्यादा मामले सीएम हेल्पलाइन में पेंडिंग: मध्यप्रदेश में आम लोगों की समस्याओं के निवारण के लिए सीएम हेल्पलाइन की शुरुआत की गई थी. इसका उद्देश्य था कि आमजन की शिकायतों का तेजी से निराकरण और लोगों को समस्याओं से निदान मिल सके. लेकिन अब समस्याओं के निराकरण की बजाए सीएम हेल्पलाइन में आम लोगों की समस्याएं उलझ कर रह गयी है. इसका सबसे ज्यादा असर ग्वालियर में देखा जा रहा है, ग्वालियर में आम लोगों की समस्या के निवारण में मध्य प्रदेश में सबसे पिछले पायदान पर है. जिले में सैकड़ों सीएम हेल्पलाइन की पेंडेंसी पर यूं ही है और इस पर अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. लोग विभागों के चक्कर काटते-काटते परेशान हो रहे हैं, लेकिन उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है.