ग्वालियर। सिंधिया खानदान के बारे में कहा जाता है कि उनके परिवार का जब भी कोई वारिश 15 साल का हो जाता है तो उसे राजनीति का पाठ पढ़ाना शुरु कर दिया जाता है, स्वर्गीय माधवराव सिंधिया अपने इकलौते पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया की पढ़ाई पूरी होने के बाद उन्हें राजनीति में उतारना शुरू कर दिया था और आज वो राजनीति के माहिर खिलाड़ी बन चुके हैं.
जूनियर सिंधिया की पॉलिटिकल एंट्री लेकिन अब ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने बेटे महा आर्यमान सिंधिया को राजनीति का गणित सिखाना शुरू कर दिया है, क्योंकि पिछले छह महीनों में देखा जाए तो ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महा आर्यमन सिंधिया लगातार ग्वालियर चंबल अंचल में दौरा कर रहे हैं, और उनके साथ सैकड़ों की संख्या में युवाओं की भीड़ भी दिखाई देती है.
जब पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था, तब उसमें भी वो कई सभा में अपने पिता के साथ शामिल हुए. और कई बार अपनी मां प्रियदर्शनी राजे के साथ मंच पर खड़े होकर भाषण देते नजर आए. पिता के चुनाव हारने के बाद भी महा आर्यमन लगातार छह माह से ग्वालियर चंबल अंचल में हर माह एक या दो दौरा कर रहे हैं. ये बात अलग है कि वो राजनीतिक मंच पर नहीं जाते हैं, लेकिन सामाजिक कार्यों में वो हिस्सा जरूर लेते हैं, और अब की बार ग्वालियर मेले में भी उन्होंने अपने विदेश से मित्र बुलवाकर मेले का भ्रमण भी करवाया था. महा आर्यमन सिंधिया सोशल मीडिया पर तो अपडेट रहते हैं और ग्वालियर चंबल अंचल की राजनीति को समझते रहते हैं.
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने बेटे महा आर्यमन सिंधिया को राजनीति का गणित सीखाना शुरु कर दिया है और जल्द ही आर्यमान को राजनीति में लेकर आएंगे. साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर में मौजूद सिंधिया ट्रस्ट के हिस्सों में भी उनकी भागीदारी शुरू कर दी है और कई ट्रस्ट में उनके नाम जोड़ दिए गए हैं.