ग्वालियर।70 साल बाद 17 सितम्बर को कूनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में अफ्रीका से विस्थापित कर लाये जा रहे 8 चीतों की बसाहट की तैयारियां अपने अंतिम पड़ाव पर हैं. केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रयासों के चलते श्योपुर के कूनो पालपुर अभ्यारण्य में नामीबिया से 8 चीतों को पहले चरण में लाए जा रहे हैं. जिन्हें बाद में बढ़ाकर 25 तक किया जाएगा.
कूनो अभ्यारण्य में आएंगे साउथ अफ्रीका से चीते चीतों की पुनर्स्थापना: मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि, यह देश के लिए बड़ी उपलब्धि है. शेर प्रजाति में चीते लगभग भारत से समाप्त हो गए थे. उनकी पुनर्स्थापना के लिए सरकार के अथक प्रयासों से यहां कूनो पालपुर में ये चीते लाए जा रहे हैं. यह दिन इसलिए भी खास है, क्योंकि अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्योपुर के कूनो पालपुर आकर नामीबिया से लाए गए इन चीतों को जंगल में विचरण के लिए अपने हाथों के छोड़ेंगे. यह देश के लिए सौभाग्य की बात है.
Kuno Palpur Sanctuary: सितंबर माह में कूनो पालपुर अभ्यारण में आएंगे चीते, पीएम मोदी कर सकते हैं योजना का शुभारंभ
एनवायरनमेंट फ्रेंडली लाइफस्टाइल: केंद्रीय वन मंत्री ने कहा कि, दक्षिण अफ्रीका से भी भारत सरकार का अनुबंध हुआ है. वहां से भी भविष्य में और चीते यहां लाए जाएंगे. उनके अनुरूप जंगल का माहौल, उनके खाने पीने की व्यवस्था आदि पर भी गहन मंथन और तैयारियां चल रही हैं. वन विभाग के साथ ही पर्यावरण सहित अन्य विभाग इस अभ्यारण्य को लेकर बेहद उत्साहित एवं सक्रिय हैं. उन्होंने कहा कि, हमारे एनवायरनमेंट में एक समय में जंगली जानवर और आम लोगों की बसाहट के साथ बेहतरीन समन्वय था. प्रधानमंत्री मोदी ने भी कॉप 20 में एनवायरनमेंट फ्रेंडली लाइफस्टाइल को अपना ध्येय बनाकर ये सब इस तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि, इससे ग्वालियर चंबल संभाग में पर्यटन का विकास होगा, भारत की छवि भी बेहतरीन बनेगी और रोजगार के भी अवसर बढ़ेंगे.