ग्वालियर। सिंधिया राज परिवार के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज इतिहास रचने वाला काम किया है. केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर जाकर सिर झुकाकर नमन किया और श्रद्धांजिल अर्पित की. कई लोग कहते हैं कि अंग्रेजों से लोहा लेने के दौरान सिंधिया राजघराने ने रानी लक्ष्मीबाई का साथ नहीं दिया था. इसलिए सिंधिया राजघराने पर गद्दारी के आरोप लगते रहे हैं. सिंधिया परिवार का कोई भी मुखिया इससे पहले रानी लक्ष्मीबाई (scindia rani laxmibai samadhi sthal gwalior )की समाधि स्थल पर नहीं गया था.
सिंधिया ने रच दिया 'इतिहास'
वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की मौत के बाद गद्दारी के आरोपों को झेल रहे सिंधिया राजवंश के मुखिया ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज ऐसा कुछ कर दिखाया, जिसे देखकर सभी चौंक गए. आज सिंधिया परिवार के मुखिया और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पहली बार(scindia tritute rani laxmibai gwalior ) वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की समाधि पर पहुंचकर उन्हें नमन किया और पुष्पांजलि अर्पित की. रानी लक्ष्मीबाई को 'महाराज' का श्रद्धांजलि देना पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है. क्योंकि इससे पहले सिंधिया परिवार कभी भी समाधि स्थल नहीं पहुंचा.अब इसे लेकर राजनीति भी शुरू हो गयी.
कल जो मेरी हार पर खुश थे, आज मुझे हार पहना रहे हैं
रानी लक्ष्मी बाई समाधि स्थल पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद अब कांग्रेस हमलावर हो गई है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्वीट कर ज्योतिरादित्य सिंधिया पर कई सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने ट्वीट में लिखा है कि "रानी लक्ष्मीबाई अपना दर्द भी बयां नहीं कर सकती, (first time scindia rani laxmibai tribute smadhi sthal )कि कल जो मेरा कत्ल करके मेरी हार पर खुश थे. आज वही कातिल मेरे बुत पर हार पहना कर खुश हो रहे हैं. दौर बदला है,कातिल के मंसूबे आज भी वही के वही हैं!गद्दारी-कत्ल चाहे वीरांगना का हो या लोकतंत्र का,दर पर आना ही पड़ता है.
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रानी लक्ष्मीबाई की मौत के बाद गद्दारी के आरोप झेल रहा है सिंधिया परिवार
इतिहास की बात करें, तो रानी लक्ष्मी बाई की मौत के बाद सिंधिया परिवार गद्दारी का आरोप झेल रहा है. जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के नेता थे तब उस समय हिंदूवादी नेता जयभान सिंह पवैया खुलकर मंच से उन्हें गद्दार कहते थे. इसके साथ ही उस दौरान सीएम शिवराज से लेकर बीजेपी के तमाम नेता सिंधिया परिवार को गद्दार बताते थे. रानी लक्ष्मीबाई से सिंधिया परिवार द्वारा की गद्दारी की बातें कई किताबों में लिखी गई हैं. इसलिए 1857 से ही सिंधिया परिवार गद्दारी का आरोप झेल रहा है. यही वजह है कि कभी भी सिंधिया परिवार ने वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की समाधि स्थल पर कदम नहीं रखा. लेकिन आज ऐसा पहली बार हुआ है कि सिंधिया परिवार का मुखिया वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई के समाधि स्थल पर पहुंचा और उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित की. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनके समर्थक मंत्री प्रद्युम्न सिंह भी मौजूद रहे.