ग्वालियर । ग्वालियर चंबल अंचल के सबसे बड़ा जयारोग्य अस्पताल की (Jayarogya Hospital Of Gwalior) इमारत काफी खूबसूरत मानी जाती है. जिस इमारत में यह अस्पताल संचालित हो रहा है उसका निर्माण सिंधिया राजवंश ने करवाया था. आजादी के बाद से अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल चल रहा है. यहां छोटी बीमारी से लेकर कैंसर जैसी बीमारी तक का इलाज किया जाता है. लेकिन अब इस अस्पताल से मरीजों को डर लगने लगा है. अस्पताल प्रबंधन ने दीवारों पर लिखवा दिया है कि अस्पताल की जर्जर दीवार और टूटे हुए छज्जे कभी भी धराशाई हो सकते हैं.
अस्पताल से डर लगता है साहब!
ग्वालियर में अंचल का सबसे बड़ा जयारोग्य अस्पताल है. इसकी इमारत काफी पुरानी है. 1899 में सिंधिया राजवंश ने इसका निर्माण कराया था. बाद में इसमें अस्पताल चलने लगा. जयारोग्य अस्पताल की इमारत जर्जर (Shabby building of Jayarogya Hospital) हो चुकी है. इमारत की छत और दीवारें जर्जर हैं. यह कभी भी गिर सकती है. कई बार मरीज के परिजन हादसे का शिकार हो चुके हैं. दीवारों की कई बार मरम्मत हो चुकी है. इसी के चलते जयारोग्य अस्पताल प्रबंधन ने दीवारों पर सूचना लिखवा दी है. दीवारों पर लिखा है कि मरीज और उनके परिजन इमारत की दीवार, छज्जे और बालकनी से दूर रहें, किनारों पर न जाएं. यह कभी भी गिर सकते हैं.
जोखिम में मरीजों की जान
ग्वालियर चंबल अंचल का यह जयारोग्य अस्पताल (Shabby building of Jayarogya Hospital) काफी चर्चित है. इस अस्पताल में छोटी बीमारी से लेकर हार्ट और केंसर तक की बड़ी बीमारियों का इलाज किया जाता है. इस अस्पताल में अंचल की ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों राजस्थान और उत्तरप्रदेश से भी मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं. उत्तर प्रदेश के ललितपुर,झांसी,औरैया, टीकमगढ़, अनूपपुर सहित कई जिलों से यहां मरीज आते हैं. यहां दिनभर की ओपीडी 1000 से ज्यादा होती है.