ग्वालियर। मुस्कान बिल्कुल लियोनार्दो दा विंची की मोनालिसा जैसी... कीमत अनमोल, शरीर सौष्ठव जैसा, जिससे नजरें हटाने का दिल न करें. जी हां हम किसी मॉडल की तारीफ नहीं कर रहे हैं, बल्कि यह सारी खूबियां 10वीं शताब्दी की प्राचीन प्रतिमा शालभंजिका (Indian Monalisa Shalabhanjika) के रूप में सौंदर्य में मौजूद है. इंडियन मोनालिसा के नाम से मशहूर शालभंजिका की प्रतिमा ग्वालियर के गुजरी महल संग्रहालय (gwalior Gujari Mahal Museum) में रखी है. शालभंजिका एक ऐसी महिला की प्रतिमा जो अपने शारीरिक सौंदर्य और मोहक मुस्कान की वजह से कई देशों में सराही जा चुकी है. त्रिभंग मुद्रा में खड़ी एक महिला की दुर्लभ और अद्वितीय पत्थर की मूर्ति शालभंजिका विदिशा के पास ग्यारसपुर गांव में खुदाई के दौरान मिली थी, इसके चेहरे पर अद्वितीय मुस्कान के कारण इसे इंडियन मोनालिसा भी कहा जाता है.
शालभंजिका की तीन विशेषताएं:इतिहासकारों की मानें तो शालभंजिका की तीन विशेषता है, जिसके कारण दुनिया भर में उसे अनमोल माना जाता है.
- पत्थर की मूर्ति है फिर भी उसके चेहरे पर मुस्कुराहट का भाव स्पष्ट दिखाई देता है.
- 10वीं और 11वीं शताब्दी की इस प्रतिमा में ऐसे अधोवस्त्र दिखाई देते हैं, जो आज के आधुनिक समाज में दिखाई दे रहे हैं.
- मुस्कान बिल्कुल लिओनार्दो दा विंची की मोनालिसा जैसी है, जो देखता है वह देखता ही रह जाता है.
यह है प्रतिमा की कीमत:10वीं शताब्दी में बनी शालभंजिका देश की सुंदरता का लक्ष्य माना जाता है, शालभंजिका को विदेशों में भी इंडियन मोनालिसा और मास्टर पीस ऑफ आर्ट्स जैसी नामों से जाना जाता है. इन्हीं खूबियों के चलते यह भारत में 1000 साल बाद भी श्रेष्ठ कृतियों में शुमार है. शालभंजिका की प्रतिमा की कीमत करीब 200 करोड़ है, यह बेहद ही अनमोल है. यह मूर्ति ग्वालियर किले के गुजरी महल में स्थित एक कमरे में कैद है.