ग्वालियर।सिर पर चिल्लर की गठरी रखे ये कोई साधारण शख्स नहीं. ग्वालियर से लोकसभा चुनाव लड़ रहे ये हैं निर्दलीय प्रत्याशी केशव राय. जब यह अपना नामांकन फार्म खरीदने पहुंचे तो निर्वाचन के काम में जुटा पूरा का पूरा अमला ही सकते में आ गया. केशव राय ने नामांकन फार्म खरीदने के लिए 25 हजार रुपए की चिल्लर निर्वाचन अधिकारियों के सामने रख कहा कि उसे चुनाव लड़ना है, नामांकन फार्म दे दीजिए. खास बात यह थी कि 25 हजार की चिल्लर को दो अफसरों ने घंटों तक गिना, और केशव राय को नामांकन फार्म भी दिया.
25 हजार की चिल्लर देख सकते में आ गया निर्वाचन आयोग, केशव राय बोले नामांकन फार्म दे दो चुनाव लड़ना है
ग्वालियर से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे केशव राय जब अपना नामांकन फार्म खरीदने पहुंचे तो निर्वाचन आयोग के अधिकारी सकते में आ गए. क्योंकि केशव राय नामांकन फार्म खरीदने के लिए 25 हजार रुपए की चिल्लर लेकर पहुंचे थे. जिसे गिनने में अधिकारियों को दो घंटे लग गए.
निर्दलीय चुनाव लड़ रहे केशव राय का कहना है कि उन्होंने ऐसा कदम इसलिए उठाया क्योंकि वर्तमान में भारतीय मुद्रा का अपमान किया हो रहा है. दुकानदार और दूसरे लोग चिल्लर लेने से मना करते हैं. ग्वालियर कलेक्टर से मामले में बात की गई तो उन्होंने कहा कि भारतीय मुद्रा होने की वजह से हम उन्हें मना नहीं कर सकते थे. जिसके चलते पहले चिल्लर गिनी गई और और नामांकन फार्म दिया गया.
ग्वालियर के बुजुर्ग केशव राय ऐसे पहले व्यक्ति नहीं है जो नामांकन फार्म खरीदने चिल्लर लेकर पहुंचे हो. पहले भी इस तरह के मामले में सामने आए हैं. चिल्लरों की वजह से केशव राय सुर्खियों में तो हैं लेकिन सवाल ये है कि क्या केशवराय लोकसभा का चुनाव जीतकर इतिहास रच पाएंगे.