ग्वालियर। कोरोना महामारी से निपटने के लिए कोवैक्सीन लगने के लिए तैयार है. लेकिन हमारे चिकित्सक और हेल्थ वर्कर्स में उत्साह दिखाई नहीं दे रहा है. यही कारण है कि रोजाना 100 लोगों के टीकाकरण के लक्ष्य में सिर्फ 50 फ़ीसदी लोग ही टीकाकरण के लिए आगे आ रहे हैं. पहले और दूसरे दिन तो जरूर संख्या कुछ ज्यादा रही लेकिन अब 50 फीसदी डॉक्टर और हेल्थ वर्कर ही अपने पंजीयन के बावजूद आगे आए हैं.
टीकाकरण को लेकर हेल्थ वर्कर-डॉक्टर उदासीन जरूर कराएं टीकाकरण- डॉक्टर
दरअसल कुछ लोगों को वैक्सीनेशन के बाद हल्की फुल्की शिकायतें हुई थी, इसके बाद से लोग अब आगे आने में कतरा रहे हैं. इनमें हेल्थ वर्कर के साथ ही डॉक्टर भी शामिल हैं, लेकिन जयारोग्य अस्पताल समूह के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि वैक्सीनेशन जरूर कराना चाहिए, क्योंकि वह शासन के निर्देशानुसार वो खुद वैक्सीनेशन करा चुके हैं और किसी को भी कोई साइड इफेक्ट यह समस्या नहीं आई है. बुधवार को बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अजय गौड और उनकी टीम ने अपना वैक्सीनेशन कराया. उनका भी यही मानना है कि वैक्सीनेशन से किसी को कोई समस्या नहीं है बल्कि यह एक ऐसा महाअभियान है, जिसमें हर किसी को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए.
15000 कोरोना योद्धाओं को टीकाकरण का लक्ष्य
पहले चरण में वैक्सीनेशन सिर्फ डॉक्टर और हेल्थ वर्कर को किया जा रहा है. इसके बाद सभी लोग महामारी से निपटने के लिए अपना वैक्सीनेशन कराएंगे. ऐसी उन्हें उम्मीद है, ग्वालियर-चंबल संभाग में 15000 कोरोना योद्धाओं को वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा गया था जिसके मुकाबले फिलहाल 9000 लोगों का ही वैक्सीनेशन हो सका है.