ग्वालियर।ग्वालियर की ऐतिहासिक स्वर्ण रेखा नदी पर मध्यप्रदेश में पहली प्रस्तावित एलिवेटेड रोड का केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ दिनों पहले ही शिलान्यास किया था. लेकिन अब इसके बनने का प्लान फेल नजर होता आ रहा है. अब मलेशिया की तकनीक से नहीं बल्कि पुरानी डीपीआर से इस एलिवेटेड रोड का निर्माण किया जाएगा. इसको लेकर कांग्रेस लगातार हमलावर है. सड़कों को लेकर लगातार चल रही सियासत मामले में अब बीजेपी के सांसद ने भी एंट्री मार ली है. बीजेपी के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने सीधे तौर पर सिंधिया समर्थक नेताओं पर आरोप लगाया है. (gwalior swarna rekha river)
एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट महंगा:बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का कहना है कि आधा अधूरा एलिवेटेड रोड बनाने की कोई फायदा नहीं होने वाला है. इतना बड़ा प्रोजेक्ट ग्वालियर में लग रहा है तो इस प्रोजेक्ट को इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट के रूप में माना जाना चाहिए. रेखा नदी का विकास हो, दोनों तरफ अच्छी सड़कें बनें. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, इस योजना में रिवरफ्रंट के साथ-साथ बोट क्लब भी शामिल हो तो ज्यादा अच्छा रहेगा. सांसद ने कहा, यह प्रोजेक्ट काफी महंगा है और यही कारण है कि इस प्रोजेक्ट में स्वर्ण रेखा नदी पर बन रहे एलिवेटेड रोड के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों का विकास हो और नदी को भी स्वच्छ और सुंदर बनाया सके. (gwalior swarna rekha river built elevated road)
एलिवेटेड रोड से सीवेज सिस्टम ध्वस्त:इस मामले पर कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह का कहना है कि, सिर्फ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने आप को चमकाने के लिए फिजूलखर्ची करने में लगे हुए हैं. यह श्रेय लेने की होड़ और हड़बड़ी में इस प्रोजेक्ट को लाया गया है. उनका कहना है कि, स्वर्ण रेखा नदी पर बन रही है यह एलिवेटेड रोड सफल प्रोजेक्ट नहीं है. उनका कहना है कि स्वर्ण रेखा नदी पर एलिवेटेड रोड आने पर शहर का पूरा सीवेज सिस्टम ध्वस्त हो जाएगा. इस नदी के आसपास इतनी जगह नहीं है कि, प्रॉपर एलाइनमेंट आ सके. इस बात को साबित करने के लिए साउथ की कंपनी को बुलाया गया था, जिन्होंने साफ तौर पर इंकार कर दिया है. इसके बावजूद सिंधिया ने 900 करोड़ रुपए को पानी में बहाने की तैयारी कर ली है.