ग्वालियर।ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के कैंपस में लगे हजारों पेड़ अब अपना परिचय खुद देंगे. यह पेड़ बताएंगे कि उनका नाम क्या है और उनका कितना महत्व है. इसके लिए जीवाजी विश्वविद्यालय एक अनूठा प्रयोग करने जा रहा है. विश्वविद्यालय के कैंपस में लगे प्रत्येक पेड़ पर एक बारकोड लगाया जा रहा है. इस बारकोड के जरिए कोई भी व्यक्ति जब स्कैन करेगा तो पेड़ के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी. इससे पेड़ का नाम, महत्व और उसकी उपयोगिता के बारे में पता लग सकेगा.
जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन के इस अनूठे प्रयोग का मकसद यह है कि इससे विद्यार्थियों का ज्ञान तो बढ़ेगा ही इसके साथ ही यहां पर मॉर्निंग वॉक पर आने वाले सैकड़ों लोग भी पेड़ों की अहमियत जान सकेंगे.
5000 से ज्यादा पेड़ों पर लगेगा बार कोड
जीवाजी विश्वविद्यालय कैंपस के 5000 से अधिक पेड़ों पर बारकोड लगेगा. यूनिवर्सिटी में 5000 से ज्यादा बड़े पेड़ हैं, इसके साथ छोटे पेड़ों की संख्या भी हजारों में है. यही वजह है कि यूनिवर्सिटी कैंपस सबसे अधिक ऑक्सीजन देने वाला माना जाता है. यहां सैकड़ों की संख्या में लोग मॉर्निंग वॉक के लिए भी आते हैं. ऑक्सीजन जोन होने के कारण कोरोना संक्रमणकाल में यहां रोज 3000 से अधिक लोग मॉर्निंग वॉक के लिए आते थे. यही वजह थी कि यहां आने वाले लोगों के लिए आईडी कार्ड पास किए गए थे. जीवाजी विश्वविद्यालय इस अनुप्रयोग से हर पेड़ पर बारकोड लगा रहा है. जिससे यहां पर आने वाले छात्र और लोग उस पेड़ के बारे में जान सके कि उसका नाम क्या है और उसका महत्व और उपयोगिता कितनी है.
कैंपस में 56 प्रजातियों के लगे हैं पेड़