ग्वालियर। किसी भी शहर के विकास के लिए आर्थिक मजबूती बहुत जरूरी होती है. जिसके लिए यह सबसे ज्यादा जरुरी होता है कि उस शहर का राजस्व कितना है. राजस्व वसूलने के मामले में ग्वालियर नगर निगम प्रदेश का रोल मॉडल बन सकता है. यहां 17 मार्च तक नगर निगम 58 करोड़ से भी ज्यादा का राजस्व प्राप्त कर चुका है.
ग्वालियर नगर-निगम ने डोर टू डोर कलेक्शन के हिसाब से 30,000 से अधिक संपत्ति मालिकों को फोन कॉल और व्यापक प्रचार के माध्यम से लोगों को संपत्ति कर जमा करने के प्रेरित किया. बिना कागजी झंझट और तत्काल टैक्स रसीद के फोकस प्लान की बदौलत ग्वालियर नगर निगम लॉकडाउन से पहले ही रिकॉर्ड संपत्ति कर वसूल कर चुका था. अंतिम 14 दिन कोरोना वायरस की वजह से वसूली पूरी नहीं हो पाई. वरना ग्वालियर नगर-निगम ने 65 करोड़ तक राजस्व जमा करने की योजना थी.
इस बार की टैक्स वसूली ग्वालियर नगर निगम के इतिहास में सबसे अधिक है. इस बार नए वित्त वर्ष के लिए 80 करोड़ रुपए का टारगेट रखा है. ग्वालियर के अफसरों की इस नीति के बारे में दूसरे जिले के अफसर भी जानकारी ले रहे हैं. ताकि वे भी अपने निगम का राजस्व बढ़ा सके. ग्वालियर नगर-निगम का ये काम सटीक रणनीति की वजह से पूरा हुआ.