ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में स्थित जीवाजी विश्वविद्यालय अपनी कार्यप्रणाली और नकल माफियाओं के लिए हमेशा से बदनाम रहा है. इस बीच जीवाजी विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा एक और कारनामा सामने आया है जिसमें हाल में ही टेबुलेशन चार्ट से रावण सहित मेघनाद और कुंभकरण के पुतले बनाए जा रहे हैं. पहले से ही छात्रों के परीक्षा परिणाम की लेटलतीफी और नर्सिंग फर्जीवाड़े की खबरों के बाद अब टेबुलेशन चार्ट को नियम के विरुद्ध कबाड़ में बेचने से प्रबंधन कटघरे में खड़ा हो गया है. खास बात यह है कि यह टेबुलेशन चार्ट स्नातक परीक्षाओं के साल 2020 से जुड़े हुए हैं. जब ईटीवी भारत की टीम ने जिम्मेदार अधिकारियों से बातचीत की तो अधिकारियों ने तत्काल पुतलों पर लगे टेबुलेशन चार्ट पर पेंट करा दिया. अब इस मामले में जीवाजी विश्वविद्यालय का कोई भी अधिकारी सामने आने को तैयार नहीं है.
जीवाजी विश्वविद्यालय के टेबुलेशन चार्ट से बने रावण, मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले :दरअसल, कल दशहरा है और दशहरे के मौके पर शहर में रावण, मेघनाथ और कुंभकरण का पुतला बनाया जा रहा है. खास बात यह है कि तीनों पुतले जीवाजी विश्वविद्यालय की टेबुलेशन चार्ट से बनाए जा रहे हैं. जब इसको लेकर पुतले बना रहे कारीगर से बातचीत की गई तो उसने बताया कि - "वह बाजार इन कागजों को लेकर आया है उसे नहीं पता यह कागज किसका है". ईटीवी भारत को जब करीगर ने बताया कि उसने कहां से इन कागजों को खरीदा है, तब ईटीवी भारत की टीम वहां पहुंची. फिर पता लगा कि जिस स्क्रैप कारखाने से इन कागजों को खरीद कर लाया गया है उसका जीवाजी विश्वविद्यालय से स्क्रैप खरीदने का अनुबंध है.