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शहरों में आने वाले दूध की चेकिंग प्वाइंट बनाकर की जाए जांच, हाईकोर्ट के निर्देश

ग्वालियर हाईकोर्ट बेंच में मिलावटी दूध पर लगाई गई एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सभी जिलों में विशेष आदेश जारी किए हैं. जिसमें कहा गया है कि शहर में आने वाले दूध की जांच के लिए सभी पहुंच मार्गों पर चेकिंग प्वाइंट बनाए जाएं.

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Published : Aug 10, 2019, 8:19 PM IST

ग्वालियर हाईकोर्ट

ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने दूध और उसके उत्पादों में मिलावट रोकने के लिए अपने न्याय क्षेत्र के सभी जिलों में विशेष आदेश जारी किए हैं. जिसमें कहा गया है कि शहर में आने वाले दूध की जांच के लिए सभी पहुंच मार्गों पर चेकिंग प्वाइंट बनाए जाएं. दूध के उत्पादों पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट का उल्लेख किया जाए और हर 3 महीने में दूध बेचने वालों की सैंपलिंग की जाए.

हाईकोर्ट ने नकली दूध चेक करने के दिए निर्देश

हाईकोर्ट में अधिवक्ता उमेश बोहरे ने मिलावटी दूध को लेकर एक रिट पिटिशन दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था शहर में उत्पादन से ज्यादा दूध की आवक हो रही है. इससे साफ है कि जिले में सिंथेटिक दूध बड़ी मात्रा में बनाया जा रहा है और लोगों के स्वास्थय के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.

हाईकोर्ट में जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जिस पर शनिवार को आदेश जारी किया. हाईकोर्ट ने कहा है कि शहर में आने वाले दूध के जांच के लिए चेकिंग प्वाइंट बनाए जाएं और चेकिंग प्वाइंट से जांच होने के बाद ही दूध को शहर में प्रवेश होने दिया जाए. इसके अलावा मिलावटी दूध की शिकायत करने वालों का नाम गोपनीय रखा जाए.

हाई कोर्ट ने यह भी कहा है कि दूध से बनने वाले उत्पादों पर उसकी मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट का विशेष रूप से उल्लेख करना जिला प्रशासन सुनिश्चित करे. याचिकाकर्ता अधिवक्ता को भी हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि वह मिलावटी दूध और इसके उत्पादों के खिलाफ जन जागरूकता अभियान चलाएं. जिसमें वे स्कूल कॉलेज जा कर युवाओं और बच्चों को इसके इस्तेमाल से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करें. हाई कोर्ट का यह आदेश उसके न्यायिक क्षेत्र के सभी 9 जिलों में लागू करने के आदेश दिए गए हैं.

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