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सहमति से बने शारीरिक संबंध दुष्कर्म नहीं, कोर्ट ने आरोपी को किया बरी

ग्वालियर जिला न्यायालय ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को बरी कर दिया है. न्यायालय ने बताया कि सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध बलात्कार की श्रेणी में नहीं आ सकते है. वहीं बच्चे के परवरिश के लिए अलग से परिवाद दायर करने के लिए न्यायालय ने स्वतंत्रता दी है.

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Published : May 18, 2019, 11:16 PM IST

ग्वालियर जिला न्यायालय

ग्वालियर। ग्वालियर जिला न्यायालय ने दुष्कर्म के एक मामले में आरोपी को बरी कर दिया है. न्यायालय ने बताया कि सहमति से बनाए गए शारीरिक संबंध बलात्कार की श्रेणी में नहीं आ सकते. वहीं आरोपी से महिला को एक बच्ची भी है. जिसकी परवरिश के लिए अलग से परिवाद दायर करने के लिए न्यायालय ने महिला को स्वतंत्रता दी है.

दरअसल मुरार इलाके में रहने वाली एक शादीशुदा महिला के पति का डेढ़ साल पहले निधन हो गया था. जिसके बाद महिला के पास उम्र में 5 साल छोटे युवक सोनू सिंह कुशवाहा का आना जाना था. पति की मौत के बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गई थी. 7 साल तक महिला और युवक लिव इन रिलेशन में रहे, इस बीच महिला युवक के एक बच्चे की मां भी बन गई. जिसके बाद महिला ने युवक के खिलाफ शादी नहीं करने पर मुरार थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज करवाया था.

ग्वालियर जिला न्यायालय

मामले के दर्ज होने पर जांच में पता चला कि महिला और युवक के बीच आपसी सहमति से संबंध बने थे. जबकि महिला का कहना था कि शादी का झांसा देकर युवक उसके साथ निरंतर बलात्कार कर रहा है और वीडियो दिखाकर उसे बदनाम करने की कोशिश कर रहा है. न्यायालय ने दोनों के बीच आपसी सहमति के संबंध मानते हुए युवक को बरी कर दिया लेकिन महिला को स्वतंत्रता दी है कि वो अपने बच्चे की परवरिश के लिए युवक पर भरण पोषण का दावा कर सकती है.

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