ग्वालियर। इंदौर की देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय में धारा 52 लगने के 30 दिन बाद डॉक्टर रेणु जैन को कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है. डॉक्टर रेणु जैन जीवाजी यूनिवर्सिटी की वरिष्ठ प्रोफेसर हैं. रेणु जैन ग्वालियर की रहने वाली हैं. राजभवन की ओर से इसका आदेश भी जारी कर दिया है. रेनू जैन देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति हैं.
देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति बनीं डॉ. रेणु जैन - वरिष्ठ प्रोफेसर डॉक्टर रेणु जैन,
ग्वालियर की रहने वाली डॉ रेणु जैन को इंदौर की देवी अहिल्याबाई विश्विद्यालय का कुलपति बनाया गया है. रेणु जैन इससे पहले जीवाजी यूनिवर्सिटी में वरिष्ठ प्रोफेसर के पद आसीन थीं. रेनू जैन देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति हैं.
![देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति बनीं डॉ. रेणु जैन](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-3944376-thumbnail-3x2-balaghat.jpg)
मीडिया से बात करते हुये रेनू जैन ने कहा की, यूनिवर्सिटी में धारा 52 लगने के बाद अव्यवस्थाओं को सुधारना बड़ी चुनौती है, साथ ही इस को सुधारने के लिए छात्र नेताओं के साथ बैठ कर बात करने का बात कही है. गौरतलब है कि प्रदेश सरकार द्वारा सीईटी परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर धारा 52 का प्रयोग करते हुए 24 जून 2019 को कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र धाकड़ को हटा दिया था, जिसके बाद राजभवन और सरकार के बीच जारी असमंजस और असहमति में देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय के कुलपति का फैसला अटका हुआ था.
वहीं पहली बार ऐसा हुआ था कि सरकार के भेजे गए नामों के पैनल एक से ज्यादा बार राजभवन से लौटाए गए. सरकार की कोशिशों के बावजूद कुलाधिपति ने किसी भी नाम को मंजूरी नहीं दी थी. इसी बीच शुरू हुए विरोध के बाद सरकार बुधवार को सक्रिय हो गई और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने इस मुद्दे को लेकर विशेष बैठक ली. बैठक के बाद डॉ रेणु जैन के नाम पर सहमति बनने के बाद. राजभवन से कुलपति बनाने का आदेश जारी कर दिया.