ग्वालियर।इस समय पूरे देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है. इस वजह से कोरोना संक्रमित मरीजों के मानसिक स्थिति भी अब तेजी से बदल रही है. कोविड के मरीज तो डिप्रेशन का शिकार हो ही रहे हैं, बल्कि अब वे लोग भी डिप्रेशन में जा रहे हैं, जो कोरोना से ठीक हो चुके हैं. क्योंकि ऐसे लोगों पर आसपास से मिलने वाले माहौल और लगातार अकेलेपन में रहना नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है.
कोविड मरीजों से दूरी बना रहे लोग
कोरोना मरीज के परिजन और आसपास रहने वाले लोग जो पहले से लगातार उनके संपर्क में रहते थे. वे अचानक दूरी बना लेते हैं या उस मरीज से फोन पर भी बातें करना बंद कर देते हैं. इस कारण मरीज अपने आप को अकेला महसूस करता है. यही वजह है कि, इन नकारात्मक बातों से कोरोना मरीज लगातार डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं. डिप्रेशन मरीज को ज्यादा बीमार बना रही है और मौत का कारण भी बन रही है. ईटीवी भारत ने ऐसे ही कोरोना मरीज से बात की, जो पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं. उन्होंने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि, उसका पूरा परिवार कोरोना पॉजिटिव निकला था, उसके बाद आसपास रहने वाले लोगों ने उनसे बातें करना बंद कर दिया. जिससे परेशानियां बढ़ जाती हैं और लोग डिप्रेशन में जाने लगते हैं.