ग्वालियर। नवरात्रि शुरू होने वाली है, आज आपको देश में सबसे शाक्तिशाली पीठों में से एक मां पीतांबरा पीठ के बारे में बताएंगे. जहां राजाशाही से लेकर नौकरशाह देवी की आरधाना करने के लिए सात संमदर पार तक से आते है. मध्यप्रदेश के दतिया में स्थित माँ पीताम्बरा पीठ का मंदिर है. मान्यता हैं कि जब-जब देश पर संकट गहराया है, तब-तब माँ ने उस संकट को अपनी शक्ति से दूर किया है. यही वजह है कि यहां जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ-साथ देश-विदेश की तमाम बड़ी हस्तियां हैं, जो मां के दरबार में पहुंचकर उनका आशीर्वाद लेती हैं. कहते हैं कि जिस व्यक्ति पर पीतांबरा माई की कृपा होती है, उसके शत्रु का विनाश हो जाता है.
अंतिम आहुति पर बंद हुआ चीन युद्ध: माँ पीतांबरा शक्तिपीठ में मां बगलामुखी का रूप रक्षात्मक है और इन्हें राजसत्ता की देवी माना जाता है. इसी रूप में भक्त उनकी आराधना करते हैं. राजसत्ता से जुड़े नेता यहां आकर गुप्त रूप से पूजा करते हैं. पीतांबरा पीठ की शक्ति का अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि 1962 में चीन ने जब भारत पर हमला किया और दूसरे देशों ने सहयोग देने से मना कर दिया. उस समय के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को किसी ने दतिया के पीतांबरा पीठ में यज्ञ करने की सलाह दी, उस समय पंडित नेहरू दतिया आए और देश की रक्षा के लिए पीतांबरा पीठ में 51 कुंडीय महायज्ञ कराया गया. इसमें कई अफसरों और फौजियों ने आहुति डाली, 11वें दिन अंतिम आहुति डालते ही चीन ने बार्डर से अपनी सेनाएं वापस बुला लीं. उस समय बनाई गई यज्ञशाला पीठ में आज भी मौजूद है.
कारगिल युद्ध के दौरान भी हुआ विशेष अनुष्ठान: उसके बाद जब भी देश के ऊपर संकट आया है, तब गोपनीय रूप में पीतांबरा पीठ में साधना व यज्ञ का आयोजन होता है. केवल भारत-चीन युद्ध ही नहीं, बल्कि 1965 और 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान भी दतिया के शक्तिपीठ में विशेष अनुष्ठान किया गया. कारगिल युद्ध के समय भी अटल बिहारी वाजपेयी की ओर पीठ में एक यज्ञ का आयोजन किया गया और आहुति के अंतिम दिन पाकिस्तान को पीछे हटना पड़ा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी लिया मां पीतांबरा का आशिर्वाद: मां पीतांबरा को राजसत्ता की देवी माना जाता है, इसी रूप में भक्त उनकी आराधना करते हैं. राजसत्ता की कामना रखने वाले भक्त यहां आकर गुप्त पूजा अर्चना करते हैं. मां पीतांबरा शत्रु नाश की अधिष्ठात्री देवी है और राजसत्ता प्राप्ति में मां की पूजा का विशेष महत्व होता है. पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी या अटल बिहारी वाजपेयी हो या फिर राजमाता विजयाराजे सिंधिया, हमेशा पीतांबरा पीठ आते रहे हैं. देश का ऐसा कोई भी नेता नहीं है, जो मां के दरबार में उनका आशीर्वाद लेने के लिए नहीं पहुंचता हो. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मां के दरबार में पहुंचकर उनका आशीर्वाद ले चुके हैं. इसके अलावा देश के रक्षा मंत्री के साथ-साथ कई ऐसे फिल्म अभिनेता हैं, जो मां के दरबार में पहुंचते हैं और पूजा अर्चना करते हैं.