ग्वालियर। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान यानी कि डीआरडीई के क्रिटिकल पार्ट को कहीं और शिफ्ट करने की तैयारी जोरो पर हैं, इसके लिए प्रशसन ने प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा हैं, सरकार से प्रस्ताव पर निर्णय आ जाने के बाद प्रशाशन कार्रवाई करेंगा. हलांकी इससे पहले भी सरकार के पास लंबे अरसे प्रस्ताव से विचाराधीन है, जबकि सुप्रीम कोर्ट में जिला प्रशासन की कार्यवाही पर स्थगन चल रहा है. लगातार जनप्रतिनिधी इस एरिया में बने सरकारी और गैर सरकारी करोड़ों निर्माण को बचाने के लिए डीआरडीई के क्रिटिकल पार्ट को कही और शिप्ट करने कीं मांग करते रहे हैं, लेकिन नतीजा अभी तक नहीं निकल पाया. वहीं प्रशासन की अनदेखी और डीआईडीई के आपत्ति नहीं उठाने के कारण आसपास कई निर्माण कार्य होते चले गए, जिससे आसपास खतरा बना रहता है.
DRDE का क्रिटिकल पार्ट शिफ्ट करने की तैयारी, सरकार को भेजा प्रस्ताव - Critical Part of DRDE
जनप्रतिनिधियों की पहल के बाद रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (डीआरडीई) के क्रिटिकल पार्ट को कहीं और शिफ्ट करने की तैयारी जोरों पर है, इसके लिए प्रशासन ने प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा है.
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नियमानुसार इस तरह की लैब के 200 मीटर की परिधि कोई भी निर्माण नहीं होना चाहिए. बावजूद इसके नगर निगम का मुख्यालय डीआरडीई के सामने हन गया है. वहीं अवैध निर्माण बनने से रोकने में निगम की विफलता के कारण कई बस्तियां बन गए, जिसे हाइकोर्ट ने हटाने के निर्देश दिए हैं. इसी कराण पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर पूर्व मंत्री माया सिंह सहित कई जनप्रतिनिधियों ने केंद्र और राज्य शासन से डीआरडीई को निःशुल्क रूप से 140 एकड़ जमीन मुहैया कराने की बात कर रहे हैं, जिससे इन बस्तियों को उजड़ने से बचाया जा सके और डीआरडीई का क्रिटिकल पार्ट को कहीं और शिफ्ट किया जा सके.
बता दें करीब 9 हजार करोड़ की चल अचल संपत्ति डीआरडीई से 200 मीटर की परिधि में आ रही है, जिसमें महत्वपूर्ण रूप सिंह स्टेडियम, नगर निगम मुख्यालय, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट, रेलवे ओवरब्रिज, जीवाजी यूनिवर्सिटी, पुलिस अधीक्षक कार्यालय के कई भवनो के अलावा मॉल होटल और रिहायशी बस्तियां शामिल हैं. हलांकी अब जनप्रतिनिधियों के पहल के बाद प्रशासन ने प्रस्ताव सरकार को भेज कर डीआरडीई को शिफ्ट करने की कबायद तेज कर दिया हैं.