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अस्पताल पर भी महंगाई की मार! सिंधिया के प्रोजेक्ट की कॉस्ट बढ़ी, बिल्डिंग अभी भी अधर में लटकी

ग्वालियर में एक हजार बिस्तर वाला अस्पताल का कार्य मार्च महीने में पूरा हो जाना था, लेकिन निर्माण में देरी होने से उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का ड्रीम प्रोजेक्ट की कॉस्ट बढ़ गई है. अब यह अस्पताल 338 करोड़ के स्थान पर 400 करोड़ से भी अधिक लागत में तैयार होगा. (1000 bed hospital in Gwalior)

1000 bed hospital in Gwalior
ग्वालियर एक हजार बिस्तर का अस्पताल पर भी महंगाई की मार

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Published : Apr 16, 2022, 10:13 PM IST

Updated : Apr 16, 2022, 11:11 PM IST

ग्वालियर। देश में लगातार बढ़ रही महंगाई की मार बड़े-बड़े प्रोजेक्टों पर भी पड़ने लगी है. ताजा मामला ग्वालियर से आया है, जहां उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का ड्रीम प्रोजेक्ट भी महंगाई की मार झेल रहा है क्योंकि 1000 बिस्तर की 62 करोड़ की कॉस्ट बढ़ गई है. वैसे इस प्रोजेक्ट को मार्च महीने में पूरा हो जाना था लेकिन निर्माण में देरी होने से इस प्रोजेक्ट की कॉस्ट बढ़ गई है. जिसे लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. (1000 bed hospital in Gwalior)

ग्वालियर एक हजार बिस्तर का अस्पताल पर भी महंगाई की मार

अब इतना बढ़ गया है खर्च:कोरोना ने ग्वालियर की 1000 बिस्तर वाले अस्पताल के निर्माण की गति को धीमा करने के साथ ही उसकी लागत भी बढ़ा दी है. अब हजार बिस्तर वाले अस्पताल 338 करोड़ के स्थान पर 400 करोड़ से भी अधिक लागत में तैयार होगा, क्योंकि पिछले 3 साल में जिस तरह से महंगाई बढ़ी है उसे अस्पताल निर्माण में उपयोग आने वाली रेत, गिट्टी, सीमेंट, मजदूरी आदि की कीमतों पर फर्क पड़ा है. इसलिए अस्पताल का कार्य बाधित न हो इस बात को ध्यान में रखते हुए अस्पताल की लागत को बढ़ाया जा रहा है, जिसको लेकर मेडिकल कॉलेज के दिन को भी तलब किया गया है.

कब तक पूरा होगा काम:हजार बिस्तर वाले नवनिर्मित अस्पताल के बजट 338 करोड़ में 20 फीसद तक इजाफा किया जा सकता है, जिससे अस्पताल अपने निर्धारित समय अगस्त 2022 तक तैयार हो सके. 1000 बिस्तर वाले अस्पताल कंपू स्थित परिवहन विभाग की 7.5 हेक्टेयर भूमि पर साल 2017 से बन रहा है, जिसका कार्य 30 माह में पूरा होना था. सात मंजिला अस्पताल में 3 ब्लॉक ए, बी, और सी तैयार किए जा रहे हैं, जिनमें कुल 1096 बेड की सुविधा होगी. सी ब्लॉक का काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन अस्पताल निर्माण की कॉस्ट बढ़ गयी है तो उस पर राजनीति भी शुरू हो गई है.

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सिंधिया ने किया था भूमि पूजना:साल 2019 में इस एक हजार बिस्तर के अस्पताल का भूमिपूजन कॉंग्रेस में रहते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किया था. तभी सिंधिया समर्थक विधायकों ओर मंत्रियों ने इस अस्पताल का नाम माधवराव सिंधिया के नाम से रखने की मांग की थी.

1000 बिस्तर वाला अस्पताल के बारे में सब कुछ:अक्टूबर 2018 में जब प्रशासकीय स्वीकृति मिली तब विधानसभा चुनावों की आचार संहिता लगने ही वाली थी. नवंबर 2018 में तकनीकी स्वीकृति हुई, वर्क ऑर्डर दिसंबर 2018 में जारी हुआ. जनवरी 2019 में जब कांग्रेस की सरकार बन चुकी थी तब जमीन अलॉट हुई. इसमें 338 करोड़ की लागत का अनुमान है. 7.75 हेक्टेयर जमीन पर तैयार होने वाले अस्पताल में 3 ब्लॉक होंगे. 2 फेस में 7 मंजिला बिल्डिंग में अस्पताल तैयार होगा. जिसमें कुल 1096 बेड की सुविधा होगी.अस्पताल के साथ ही कैंपस में 200 कमरों की धर्मशाला भी बनेगी, जिसमें रियायती दरों पर मरीजों के अटेंडरों को कमरे दिए जाएंगे. सस्ती दरों पर भोजन व्यवस्था भी शुरू होगी. अस्पताल में अलग पोस्टमार्टम हाउस बन रहा है, और 1000 वाहनों को पार्क करने के लिए पार्किंग की सुविधा होगी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के लिए 100 आवास बनेंगे.

सी ब्लॉक में मिलेगी यह सुविधा:1000 अस्पताल में प्रथम चरण में सी ब्लॉक का निर्माण कार्य शुरू किया गया था यह लगभग तैयार है, इस ब्लॉक में 576 बेड पर मरीजों को भर्ती करने की क्षमता रहेगी. इसमें 150 बेड का प्राइवेट रूम भी बना गए हैं. इसमें ऑपरेशन थिएटर, आईसीयू की सुविधा भी रहेगी.

Last Updated : Apr 16, 2022, 11:11 PM IST

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