ग्वालियर।मध्य प्रदेश में नई आबकारी नीति (MP New Liquor Policy) को लेकर घमासान मचा हुआ है. विरोधी पार्टियां का निशाना फिलहाल शिवराज हैं और मुद्दा शराबबंदी ही है. सरकार की नई नीति में शराब सस्ती कर दी गई है. इस मामले पर एक तरफ विपक्ष हमलावर है, तो वहीं दूसरी तरफ खुद बीजेपी भी दो धड़ों में बंटी है. शराब की नई नीति से अब हर घर में शराब उपलब्ध होगी. जिस तरह से शराब की दुकानों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से शहर में नशा मुक्ति केंद्रों की संख्या घटती जा रही है.
नशा मुक्ति केंद्र का रियालिटी चेक ग्वालियर में सरकार का नहीं है कोई नशा मुक्ति केंद्र
प्रदेश में नशे के आदी लोगों को नशा छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति केंद्र संचालित हो रहा है. लेकिन ग्वालियर में सरकार की तरफ से कोई भी नशा मुक्ति केंद्र संचालित नहीं हो रहा है. शहर में सामाजिक न्याय और निशक्त कल्याण विभाग से मान्यता लेकर अलग-अलग संस्थाओं में नशा मुक्ति केंद्र संचालित हो रहा है. (liquor prohibition centers Gwalior) लेकिन शहर में कई ऐसे नशा मुक्ति केंद्र हैं जो अवैध तरीके से चलाए जा रहे हैं. अवैध रूप से संचालित हो रहे नशा मुक्ति केंद्र में लोगों से पैसे ऐंठने का काम हो रहा है. यह नशा मुक्ति केंद्र आम लोगों से पैसे लेकर अपने नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराते हैं.
ईटीवी भारत की नशा मुक्ति केंद्र को लेकर रियलिटी चेक
ETV Bharat के रियलिटी चेक में जब शहर में संचालित नशा मुक्ति केंद्र के संचालक हरिओम गौतम से बातचीत की गई, तो उनका कहना है कि सरकार जिस तरीके से शराब की नई नीति लाकर घर-घर शराब बांटने का काम कर रही है. ऐसे में सरकार को नशा मुक्ति केंद्रों के बारे में भी सोचना चाहिए और उनकी मदद करनी चाहिए. ताकि नशा मुक्ति केंद्र के माध्यम से लोग ज्यादा से ज्यादा नशे की लत को छूटकारा पाएं. हरिओम का कहना है कि उनके नशा मुक्ति केंद्र को सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल पा रही है, और यही वजह है कि शहर में कई ऐसे नशा मुक्ति केंद्र संचालित हो रहे हैं, जो अवैध तरीके से चलाए जा रहे हैं (Illegal liquor prohibition centers flourishing Gwalior). जिन पर प्रशासन की कोई नजर नहीं है और न ही इन पर निगरानी की जा रही है.
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अवैध नशा मुक्ति केंद्र में कई लोगों की हो चुकी है मौत
2 साल पहले अवैध नशा मुक्ति केंद्र न्यू लाइफ में इमरान खान की पिटाई की गई थी. इमरान को बांधकर रखा गया था और लगातार डंडे से उसकी पिटाई की जाती थी. इसी दौरान उस युवक की पिटाई के कारण मौत हो गई. वहीं ऐसे कई मामले हैं जिनमें यह देखने को आया है कि यह नशा मुक्ति केंद्र मरीज को भर्ती कराकर उसकी जमकर पिटाई करते हैं. ताकि नशेड़ी नशे की लत को त्याग दें, लेकिन इस चक्कर में पिटाई की वजह से कई लोगों की मौत भी हो जाती है. सामाजिक न्याय विभाग का शहर में अवैध रूप से संचालित हो रहे नशा मुक्ति केंद्र पर कोई ध्यान नहीं है, और ना ही इनका निरीक्षण किया जाता है. (Illegal liquor prohibition centers Gwalior)