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Congress Leaders Mood Of Rebellion: महाराष्ट्र की सरकार बचाने पहुंचे कमलनाथ, एमपी कांग्रेस में बुलंद हुए बगावत के सुर, कई जगह महापौर प्रत्याशी का विरोध

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चीफ कमलनाथ महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार बचाने मुंबई पहुंचे हुए है, जबकि उनके घर में ही एक के बाद एक पार्टी के नेता ही बगावत कर रहे हैं. यह नजारा ग्वालियर चंबल अंचल में ज्यादा देखा जा रहा है. ग्वालियर चंबल अंचल में नगरीय निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस के दर्जन भर नेता कमलनाथ को इस्तीफा देने की धमकी दे रहे हैं.

Congress Leaders Mood Of Rebellion
एमपी कांग्रेस में बगावत के सुर

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Published : Jun 22, 2022, 10:58 PM IST

Updated : Jun 22, 2022, 11:05 PM IST

ग्वालियर। निकाय चुनाव के टिकिट फाइनल होने के बाद से ही मध्यप्रदेश कांग्रेस में नेताओं की बगावत का दौर जारी है. वहीं दूसरी तरफ पीसीसी (प्रदेश कांग्रेस कमेटी) के चीफ कमलनाथ महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार बचाने मुंबई पहुंचे हुए है, जबकि उनके घर में ही एक के बाद एक पार्टी के नेता ही बगावत कर रहे हैं. यह नजारा ग्वालियर चंबल अंचल में ज्यादा देखा जा रहा है. ग्वालियर चंबल अंचल में नगरीय निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस के दर्जन भर नेता कमलनाथ को इस्तीफा देने की धमकी दे रहे हैं. चंबल अंचल में कांग्रेस के जिला अध्यक्ष, विधायक और कार्यकर्ता इस बात से नाराज हैं कि उनकी अनदेखी की जा रही है. माना जा रहा है कि पार्टी से नाराज नेताओं का गुस्सा यहां भी बड़ी बगावत के तौर पर सामने आ सकता है.

एमपी कांग्रेस में बगावत के सुर

ग्वालियर-चंबल से ही तय होती है प्रदेश की राजनीति:ग्वालियर चंबल अंचल मध्य प्रदेश का एक ऐसा इलाका है जो कांग्रेस और बीजेपी दोनों का ही गढ़ माना जाता है. यही वजह है ग्वालियर चंबल अंचल में दोनों ही पार्टियों की रणनीति तैयार होती है और यहीं से तय होता है कि मध्य प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी और किसकी नहीं. यही वजह है कि नगरीय निकाय चुनाव में भी दोनों ही पार्टियां एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं, लेकिन चुनावों से पहले ही कांग्रेस में रायता फैला शुरू हो गया है. बीती रात ग्वालियर के जिला अध्यक्ष देवेंद्र शर्मा, मुरैना के विधायक राकेश मावई , कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत समेत तमाम ऐसे बड़े नेताओं का नाम सामने आने लगा है जो किसी भी वक्त खुद की पार्टी से बगावत करने के लिए तैयार हैं. उनका आरोप है कि नगरिया निकाय चुनाव में पार्टी किसी एक व्यक्ति विशेष को आगे बढ़ा रही है जबकि कार्यकर्ताओँ और पुराने कांग्रेसियों की अनदेखी की जा रही है. ज्यादातर नेता कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार की पत्नी शोभा सिकरवार को ग्वालियर से महापौर उम्मीदवार घोषित करने से नाराज बताए जा रहे है. ऐसे में पार्टी से जुड़े वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि अगर पार्टी, कार्यकर्ताओं की इसी तरह अनदेखी करती रहेगी तो वे कोई बड़ा कदम भी उठा सकते हैं.

नाराजगी जता चुके हैं जिला अध्यक्ष और विधायक: ग्वालियर मेंकांग्रेस के जिलाध्यक्ष देवेंद्र शर्मा सहित तमाम बड़े नेता पार्टी के फैसले के विरोध में उतर आए हैं,लेकिन पीसीसी चीफ कमलनाथ के हस्तक्षेप के बाद यह मामला फिलहाल थमा हुआ लग रहा है जो कभी भी बाहर आ सकता है. इसी तरह मुरैना से महापौर प्रत्याशी का टिकट फाइनल होने के बाद से कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सहित मुरैना से कांग्रेस विधायक और जिला अध्यक्ष राकेश मावई, रामनिवास रावत सहित कई बड़े नेता पार्टी के खिलाफ हो गए हैं. उन्होंने कह दिया कि अगर कार्यकर्ताओं की इसी तरह अवेहलना होती रही तो हम अपने पदों से इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं. मतलब साफ है कई जिलों में कांग्रेस के बड़े नेता बगावत के मूढ़ में हैं. ऐसे में पीसीसी कमलनाथ महाराष्ट्र में हैं. सूत्रों के मुताबिक कमलनाथ ने इन नेताओं से फोन पर बातचीत कर उन्हें अपने वापस लौटने तक इंतजार करने और कोई भी बड़ा कदम नहीं उठाने को कहा है.

ऐसे कैसे चुनाव जीतेगी कांग्रेस:सबसे बड़ा सवाल यह है कि निकाय चुनाव से पहले ही बगावती तेवर अपना चुके नेताओं के सहारे क्या कांग्रेस निकाय चुनाव में जीत का स्वाद चख पाएगी. कांग्रेस नेताओं की नाराजगी का उदाहरण ग्वालियर में देखने को मिल रहा है. ग्वालियर में महापौर प्रत्याशी घोषित की गईं शोभा सिकरवार का कई कांग्रेस नेता भीतर ही भीतर विरोध कर रहे हैं. जिला कांग्रेस में जबरदस्त गुटबाजी है जो निकाय चुनाव में पार्टी को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है. हालांकि कांग्रेस के पदाधिकारियों का कहना है कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है और बड़ी पार्टी में कुछ कार्यकर्ताओं की आकांक्षा होती है जो स्वाभाविक है कि वे अपने अधिकार के लिए आवाज उठा सकते हैं. कांग्रेस प्रवक्ता अजीत भदौरिया कहते हैं कि अब सब कुछ ठीक है. महाराष्ट्र से लौटने के बाद कमलनाथ जी यहां आएंगे और सब मिलजुल कर महापौर को विजयी बनाएंगे. वहीं बीजेपी का कहना है कि पहले कमलनाथ ने मध्य प्रदेश का बंटाधार किया था अब महाराष्ट्र बंटाधार करने के लिए पहुंच गए हैं. वे खुद के घर में हो रही बगावत कैसे थामेंगे जहां उनकी पार्टी के नेता ही उनके फैसलों पर सवाल उठा रहे हैं.

Last Updated : Jun 22, 2022, 11:05 PM IST

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