ग्वालियर। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने बीजेपी पर पैसों के बल पर सत्ता हथियाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि 2018 में मतदाताओं ने जिसे सत्ता सौंपी उसे बीजेपी ने 22 विधायकों को खरीद कर जनादेश का अपमान किया और सत्ता को हथिया लिया. उन्होंने कहा कि 28 विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव हो रहे हैं, लेकिन यह चुनाव लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ा जा रहा है.
माकपा का बीजेपी पर निशाना जसविंदर सिंह ने अन्य का कहना है, उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी और उसके मंत्री खुलेआम आचार संहिता की धज्जियां उड़ा रहे हैं. अनूपपुर में बीजेपी के प्रत्याशी नोट बांटते हुए मतदाताओं को प्रभावित कर रहे हैं, वहीं मुंगावली में बीजेपी प्रत्याशी और मंत्री साड़ियां वितरित कर रहे हैं. डबरा में बीजेपी प्रत्याशी इमरती देवी कह रही हैं कि कलेक्टर ही उन्हें चुनाव जितवा देगा. ऐसे मामले सामने आने के बाद भी चुनाव आयोग की खामोशी आश्चर्यजनक है.
जसविंदर सिंह ने कहा कि 23 मार्च को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को मंत्रिमंडल गठन करने में 101 दिन लगे मंत्रियों के विभागों के बंटवारे के लिए 2 सप्ताह और लगे. लेकिन सरकार बनवाने वाले नेता के खिलाफ राजस्व न्यायालय में चल रहे मुकदमे 24 मार्च को ही वापस ले लिए गए. शिवराज सरकार, कमलनाथ सरकार के फैसलों की समीक्षा करने की बात करती है तो उसी नेता की संस्था के लिए 140 एकड़ भूमि का आवंटन रद्द करने की बात क्यों नहीं की जाती है. उन्होंने कहा कि यह सौदेबाजी ही है. इस्तीफा देने वाले पूर्व विधायकों को टिकट दिया है और 24 को तो बिना विधानसभा का सदस्य हुए मंत्री बनाकर संसदीय परंपराओं का मखौल उड़ाया गया है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर प्रदेश में सांप्रदायिक सद्भाव और एकता अखंडता के लिए खतरे पैदा कर रही है. यह चुनाव असाधारण परिस्थितियों में हो रहे हैं, इसलिए लोगों को सोच समझकर बिकाऊ की जगह टिकाऊ प्रत्याशियों को चुनना होगा. उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्ष मतों के विभाजन को रोकने के लिए और बीजेपी को हराने के लिए उनकी पार्टी उपचुनाव नहीं लड़ेगी और बीजेपी को हराने के लिए स्वतंत्र रूप से सीपीएम अभियान चलाएगी.