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उम्र के आखिरी पड़ाव में भी चंदा देवी कर रही हैं समाज सेवा, पति की मौत के बाद शुरू हुआ सिलसिला - etv bharat gwalior

ग्वालियर शहर की एक वृद्ध महिला चंदा देवी जिन्होंने पति की मौत के बाद अकेले होने पर समाज सेवा को अपना जीवन समर्पित कर दिया और खुद पढ़ के समाज को भी शिक्षित करने में जुट गई.

समाज सेविका चंदा देवी

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Published : Oct 15, 2019, 3:43 PM IST

Updated : Oct 15, 2019, 10:22 PM IST

ग्वालियर।लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती है, हिम्मत करने वालों की कभी हार नहीं होती. कुछ ऐसा ही जज्बा और हिम्मत ग्वालियर शहर की चंदा देवी में देखने को मिलता है. शहर की वृद्ध महिला चंदा देवी उम्र के तीसरे पड़ाव में भी समाज सेवा कर रही है. चंदा देवी मलिन बस्तियों में जाकर वहां रहने वाली महिलाओं और बच्चों को ना केवल शिक्षित कर रही हैं, बल्कि उन्हें स्वच्छता का पाठ भी पढ़ा रही हैं. उनकी कोशिश के चलते कई मलिन बस्तियों के महिलाएं और बच्चे शिक्षित हो रहे हैं.

उम्र के आखिरी पड़ाव में भी चंदा देवी कर रही हैं समाज सेवा

पति के देहांत के बाद शुरू की समाज सेवा
ग्वालियर की रहने वाली चंदा देवी सोनी का विवाह यूपी के हमीरपुर जिले के खंडे गांव में रहने वाले घनश्यामदास सोनी के साथ हुआ था, लेकिन कुछ सालों बाद उनका निधन हो गया. पति के देहांत के बाद वह वापस ग्वालियर आ गई और शहर के बाहरी हिस्से में रहने लगीं. जहां से वे झुग्गी झोपड़ी और मलिन बस्ती के बीच जाकर समाज सेवा करने लगीं.

खुद पढ़ के समाज को कर रही हैं शिक्षित
सिर्फ आठवीं कक्षा तक पढ़ी चंदा देवी प्रौढ़ शिक्षा के तहत 10वीं तक पढ़ाई पूरी की और फिर हमीरपुर अस्पताल में करीब चार साल तक नर्स के रूप में काम करती रहीं, जिसके चलते गांव वाले उन्हें डॉक्टर मैडम तक कहकर संबोधित करने लगे, जहां से वे ग्रामीण महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना, शिक्षित करना और बच्चों की परवरिश के साथ स्वच्छता का पाठ भी पढ़ाना शुरू कर दिया.

'मजदूरों को जागरूक करना जरूरी'
चंदा देवी सोनी का कहना है कि मलिन और मजदूर वर्ग की बस्तियों में जागरूकता लाना बेहद जरूरी है. क्योंकि साफ-सफाई को लेकर लोगों के बीच काम करना जरूरी है. साथ ही उनका कहना है कि लोग शिक्षित होंगे और स्वच्छता रखेंगे तभी वे समाज में अपनी भूमिका निभा सकेंगे.

75 बीघे जमीन की खुद करती हैं देखरेख
कैंसर पहाड़िया के ऊपर मलिन बस्तियों में रहने वाले लोग चंदा देवी की सक्रियता से अचंभित हैं और उनकी समझाइश को वे सर आंखों पर लेते हैं. खास बात यह है कि चंदा देवी की उनके गांव खंडे में करीब 75 बीघा से ज्यादा जमीन है. जिसकी देखरेख वे मजदूरों के साथ खुद करती हैं.

Last Updated : Oct 15, 2019, 10:22 PM IST

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