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फिर खिंची सिंधिया और पवैया के बीच तलवार! बीजेपी नेता पवैया की नसीहत पर सिंधिया समर्थक मंत्री का ये कैसा जवाब?

ज्योतिरादित्य सिंधिया का कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आना लगता है बीजेपी नेताओं को अब भी रास नहीं आ रहा. कभी एक दूसरे के कट्टर विरोधी जयभान सिंह पवैया और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच 23 साल की कड़वाहट ज्योतिरादित्य के बीजेपी में आने से दूर तो हुई लेकिन लगता है दिल अब भी नहीं मिल पाए हैं. यही वजह है कि जयभान सिंह पवैया और सिंधिया समर्थकों के बीच खींचतान चलती रहती है. बीजेपी कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने गुना पहुंचे जयभान पवैया ने सिंधिया और उनके समर्थकों को सीनियर बीजेपी नेताओं का सम्मान करने की नसीहत दी तो सिंधिया समर्थक मंत्री ने जवाब दिया(BJP Pawaiya gets reply) कि उन्हें मालूम है किसका सम्मान करना है.(Scindia loyal Tulsi Silawat shot back)

Scindia loyal Tulsi Silawat shot back at Pawaiya
बीजेपी नेता पवैया की नसीहत पर सिंधिया समर्थक मंत्री का जवाब

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Published : Dec 9, 2021, 4:42 PM IST

Updated : Dec 9, 2021, 5:49 PM IST

ग्वालियर मध्य प्रदेश बीजेपी के पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया ने सिंधिया समर्थकोंं को भाजपा नेताओं का सम्मान किए जाने की नसीहत पर सियासी घमासान मचा हुआ है. पवैया के बयान पर सिंधिया समर्थक मंत्री तुलसी सिलावट का जवाब आया है(Scindia loyal Tulsi Silawat reply on Pawaiya statement). सिलावट का कहना है कि वह तो पन्ना प्रभारी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय नेतृत्व के सभी नेताओं का समान रूप से सम्मान करते हैं. भाजपा उनकी मां है और हर एक कार्यकर्ता देवतुल्य है.

पवैया की नसीहत पर सिंधिया समर्थक मंत्री

सिंधिया Vs पवैया

पूरे मामले की शुरुआत मंगलवार 7 दिसंबर को हुई जब बीजेपी BJP leader jaibhan Pawaiya) के धाकड़ नेता जयभान सिंह पवैया 3 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने गुना पहुंचे. वहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पवैया ने कहा कि

"नेता कितना भी करिश्माई हो, वह तब तक ही वंदनीय है, जब तक वह मंच पर है. उसके बाद वह सब कार्यकर्ताओं के बराबर ही है." ‘नए मित्र’ जितना सम्मान अपने नेता का करते हैं, उतना ही बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं का भी करना होगा. बीजेपी क्षत्रपों, नेताओं और वंशों पर आधारित पार्टी नहीं है."

पवैया की इस नसीहत से साफ है कि सिंधिया परिवार से 23 साल पुरानी राजनीतिक प्रतिद्वंदिता की कसक अभी मिटी नहीं है. मामले को ज़्यादा तूल न देते हुए सिंधिया कैंप की तरफ से इस पर सधा हुआ जवाब दिया गया. ज्योतिरादित्य सिंधिया के खास तुलसी सिलावट ने कहा है कि वो बीजेपी के वरिष्ठ नेता ही नहीं कार्यकर्ता तक का सम्मान करते हैं.

तुलसी सिलावट ने सिंधिया और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बीच 'गद्दार कौन' की डिबेट पर कहा कि जो लोग गद्दार कहते हैं उनसे सवाल पूछो के गद्दार कौन है? उन्होंने तुलसी सिलावट को गद्दार कहा लेकिन उसी तुलसी सिलावट को जनता ने अपना आशीर्वाद दिया और प्रदेश में सबसे अधिक वोटों से जीत हासिल कर मैं विधानसभा पहुंचे.कांग्रेस केवल आरोप लगाने का काम करती है जनता से बड़ा निर्णायक कोई नहीं है। जितनी भी उपचुनाव हुए सभी में भाजपा को विजय मिली है. जनता ने साफ कर दिया है कि आखिर गद्दार कौन है.

आपको बता दें कि जयभान पवैया और सिंधिया परिवार के बीच 1998 से सियासी मुकाबला चल रहा है. जय भान सिंह पवैया ने कांग्रेस नेता स्व. माधवराव सिंधिया के खिलाफ ग्वालियर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, इसमें कड़े मुकाबले में माधवराव सिंधिया 28 हजार वोट से ही चुनाव जीते थे. इतने कम मार्जिन से जीत पर माधवराव सिंधिया इतने नाराज़ हुए कि आगे ग्वालियर छोड़ गुना को चुन लिया. पवैया ने 2014 लोकसभा चुनाव में गुना लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ बीजेपी से चुनाव लड़ा और सिंधिया को कड़ी टक्कर दी. ज्योतिरादित्य का जीत का मार्जिन 4 लाख से घटकर 1 लाख 20 हज़ार पर आ गया.

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Last Updated : Dec 9, 2021, 5:49 PM IST

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