ग्वालियर।कोरोना के चलते देशभर में किए गए लॉकडाउन से सबसे ज्यादा सुधार प्रकृति में आया था. फैक्ट्रियां और कारखाने बंद होने से प्रदूषण काफी कम हुआ था. फैक्ट्रियों और वाहनों से निकलने वाला धुआं कम होने से हवा में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ गयी थी. लेकिन अब फैक्ट्रियां और कारखाने फिर से खुलने की वजह से प्रदूषण का लेवल बढ़ने लगा है.
जैसे-जैसे लॉकडाउन अनलॉक हो रहा है, वैसे-वैसे हवा में जहर घुलना फिर से शुरु हो गया है. ग्वालियर में भी फैक्ट्रियां शुरू होने से वायु प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है, जो आगे जाकर और भी खतरनाक होने के आसार हैं. ग्वालियर में सबसे ज्यादा फैक्ट्रियां और कारखाने होने की वजह से यहां की हवा जल्दी प्रदूषित होती है.
पर्यावरण विभाग के प्रोफेसर डॉ एचएस शर्मा ने कहा कि, लॉकडाउन के अनलॉक होते ही शहर में वाहनों का आवागमन तेजी से बढ़ा है. जबकि फैक्ट्रियां और कारखाने भी पहले की तरह ही सुचारू रूप से शुरु हो रहे हैं. इससे कुछ दिनों में ही वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा कि, कोरोना के वक्त में वायु प्रदूषण सबसे ज्यादा बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इसलिए जितना हो सके बच्चे और बुजुर्ग घर से बाहर न निकले. जबकि बाहर निकलने पर मॉस्क जरुर लगाए.
लॉकडाउन के अंतराल में वायु प्रदूषण की स्थिति
22 मार्च
PM10 - 69.76
PM2.5 - 31.48
22 अप्रैल