ग्वालियर। चंबल अंचल को अब जल्द ही अफ्रीकन चीता देखने को मिल सकता है. क्योंकि हाल ही में अफ्रीकन चीतों के लिए भारत में श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क को सबसे महफूज जगह माना गया है. इसके लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के डॉक्टर वाईवी झाला ने यहां भ्रमण किया. डॉक्टर वाईवी झाला अब सुप्रीम कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेंगे. अगर सुप्रीम कोर्ट की अनुमती मिल जाती है तो जल्द ही कूनो पार्क में अफ्रीकी चीता दौड़ेगा.
चीता परियोजना के लिए सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में गठित सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी की सब-कमेटी ने कुछ दिन पहले कूनो पालपुर पार्क, माधव नेशनल पार्क शिवपुरी और गांधी सागर अभ्यारण्य का दौरा किया था. टीम में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ वाईवी झाला ने कूनो नेशनल पार्क को सबसे ज्यादा अनुकूल पाया. कूनो नेशनल पार्क के साथ ही माधव नेशनल पार्क और गांधी सागर अभ्यारण्य भी उन्हें पसंद आये हैं.
कूनो पालपुरअभ्यारण्य 750 वर्ग मीटर में फैला
कूनो पालपुर अभ्यारण्य करीब 750 वर्ग मीटर एरिया में फैला हुआ है, जिसमें लगभग 27575 चीतल, 27500 साभर, 5561 नीलगाय, 3762 जंगली सूअर, 75883 चिंकारा, 2771 काले हिरण, 660 हिरण, 8989 लंगूर और लगभग 20,000 से अधिक अन्य जानवर जैसे भालू, जंगली बिल्ली, खरगोश, पैंथर मौजूद हैं. इसके अलावा यहां 300 से अधिक प्रजातियओं पक्षी भी हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं.
इसलिए महफूज जगह है कूनो पालपुरअभ्यारण्य
कूनो पालपुर अभ्यारण्य में जीव जंतुओं के अलावा घना जंगल और आकर्षण पहाड़िया और झरने भी मौजूद हैं. इस अभ्यारण्य का ज्यादा एरिया समतल है साथ ही घास और पेड़ पौधे भी घने हैं. यही वजह है अफ्रीकन चीता के लिए भी इसे महफूज माना जा रहा है. अफ्रीकन चीता को शिकार के लिए कूनो पालपुर अभ्यारण्य में कोई परेशानी नहीं होगी.