ग्वालियर। मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है तो वहीं आम आदमी पार्टी ने भी अपनी एंट्री कर दी है. खास बात यह है कि 'आप' ने ऐसे लोगों पर दांव लगाया है जो कांग्रेस और बीजेपी के बागी हैं या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले थे. ऐसे में बागियों के भरोसे मजबूत दावेदारी जताते हुए आप के टिकट पर मेयर से लेकर पार्षद तक के उम्मीदवार मैदान में हैं. राजनिति के जानकार जहां आप को कम आंक रहे हैं वहीं बीजेपी के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के घर से हुंकार भरते हुए पार्टी के नेताओं का कहना है कि ग्वालियर से ही उनके लिए मध्य प्रदेश का द्वार खुलेगा.
आप के पास बड़ा चेहरा नहीं, बागियों पर किया भरोसा:आम आदमी पार्टी ने भले ही दिल्ली के बाद पंजाब में अपनी सरकार बना ली है, लेकिन मध्यप्रदेश की सियासत में वह अभी कहीं भी नजर नहीं आती है. यहां उसकी हालत खस्ता ही है. ग्वालियर में महापौर सहित सभी वार्डों में चुनाव लड़ने का दावा करने वाली पार्टी को निकाय चुनाव के रण में कोई बड़ा चेहरा नहीं मिला है. यही वजह है कि पार्टी अभी सिर्फ बीजेपी और कांग्रेस के बागियों के भरोसे है. आम आदमी पार्टी की महापौर पद की उम्मीदवार रुचि राय गुप्ता ने कांग्रेस छोड़ आप का दामन थामा और सीधे महापौर का टिकट हासिल कर लिया.ऐसे करीब एक दर्जन से ज्यादा पार्षद पद के प्रत्याशी हैं जो अपने दलों या दूसरी क्षेत्रिय पार्टियों से टिकट न मिलने के बाद आप में आए हैं. पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी भी बना दिया है.
बीजेपी-कांग्रेस ने ली चुटकी:कांग्रेस और बीजेपी मध्य प्रदेश में आप के वजूद को लेकर चुटकी ले रही हैं. कांग्रेस नेता आरपी सिंह का कहना है कि आप पार्टी का मध्य प्रदेश में वजूद ही नही है, जो पार्टी दूसरे दलों के बागियों को चुनाव लड़ा कर जीतने का दावा करे उसका भविष्य क्या होगा, यह सब जानते है और आप पार्टी में जितने भी प्रत्याशी हैं वे सिर्फ वोट कटवा के भूमिका निभा रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश केसवानी कहते हैं कि आम आदमी पार्टी निकाय चुनाव में अपनी किस्मत आजमा कर मध्यप्रदेश में अपनी जगह तलाश रही है, लेकिन मध्यप्रदेश में उसका कोई अस्तित्व नहीं है केशवानी कहते हैं कि एमपी में नगरीय निकाय चुनाव में जिस तरह से आप ने टूरिज्म पॉलिटिक्स के तौर पर एंट्री मारी है वैसे ही चली जाएगी. फिलहाल उसकी स्थिति किसी भी पार्टी का विकल्प बनने जैसी नहीं है.