ग्वालियर। जीवाजी यूनिवर्सिटी में पदस्थ एक प्रोफेसर छात्रों को पढ़ाने के साथ-साथ लोगों की डायबिटीज का इलाज कर जनसेवा का काम कर रहे हैं. अब प्रोफेसर जीबीकेएस प्रसाद को डायबिटीज वाले प्रोफेसर के नाम से जाना जाता है.
ग्वालियर: ये हैं डायबिटीज वाले प्रोफेसर, जानिए इस नाम के पीछे की कहानी
जीवाजी यूनिवर्सिटी में पदस्थ एक प्रोफेसर छात्रों को पढ़ाने के साथ साथ लोगों की बीमारी ठीक कर जनसेवा का काम कर रहे हैं. इसी के चलते प्रोफेसर जीबीकेएस प्रसाद को जेयू कैम्पस में अब डायबिटीज वाले प्रोफेसर के नाम से भी जाना जाता है.
प्रोफेसर जीबीकेएस प्रसाद ने रिसर्च कर डायबिटीज के मरीजों के लिए एक हर्बल दवा तैयार की है. इस दवा के जरिये वह अब तक डेढ़ लाख मरीजों को मुफ्त इलाज देकर ठीक कर चुके हैं. दरअसल, आंध्रप्रदेश के रहने वाले डॉ जीबीकेएस प्रसाद जीवाजी यूनिवर्सिटी में बायो केमिस्ट्री के प्रोफेसर हैं. डॉ प्रसाद ने डायबिटीज पर रिसर्च करके एक हर्बल दवा बनाई है, जिससे वे मरीजों का फ्री में इलाज करते हैं. प्रसाद ने जीवाजी यूनिवर्सिटी के कैम्पस में दो साल पहले मरीजों का इलाज करने के लिए क्लीनिक खोली थी. वह कभी कैंप लगाकर तो कभी क्लास शुरू करने से पहले मरीजों को बुलाकर इनका इलाज करते हैं.
प्रोफेसर प्रसाद का कहना है कि पढ़ाई का असली मतलब तभी होता है, जब वह समाज के काम आए. उन्होंने देखा कि सुबह जो लोग टहलने के लिए कैंपस में आते हैं, वह लोग अधिकतर डायबिटीज की बीमारी से ग्रस्त हैं. डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ता देखकर उन्होंने इस पर रिसर्च करना शुरू कर दिया. उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक पौधों से तैयार की गई इस दवा को बनाने में उन्हें दो साल से ज्यादा का वक्त लगा. इसके बाद इस हर्बल दवा के 14 फॉमूले तैयार किए और मरीजों का इलाज करना शुरू किया.वहीं इलाज कराने वाले मरीजों का कहना है कि डायबिटीज बढ़ने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन डॉ प्रसाद के ट्रीटमेंट से लगातार फायदा मिल रहा है. यह दवा लेने से डायबिटीज कंट्रोल में है साथ ही इस दवा का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है.