देवास। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नेमावर हत्याकांड की सीबीआई से जांच की मांग की है. कमलनाथ ने आज पीड़ित परिवार से मुलाकात की. कमलनाथ ने आरोप लगाया कि हत्याकांड के आरोपियों को सरकारी संरक्षण मिला हुआ है.
नेमावर के नाम पर सियासत जोरों पर
देवास के नेमावर हत्याकांड का मामला शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में सियासत जोरों पर हो रही है. कांग्रेस इस मामले में सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पीड़ित परिवार से मिले. उन्होंने परिजनों को सांत्वना दी और हर संभव मदद का भरोसा दिया.कमलनाथ के साथ सांसद नकुल नाथ ,पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव,पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी और युवक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया भी मौजूद थे.
नेमावर हत्याकांड की सीबीआई जांच की मांग
पीड़ित परिवार का हालचाल जानने के बाद कमलनाथ प्रेस से भी रूबरू हुए. कमलनाथ ने राज्य को घेरने की पूरी कोशिश की. कमलनाथ ने कहा कि आरोपियों को सरकारी संरक्षण मिला हुआ है. ऐसे में मामले की निष्पक्ष जांच होने में संदेह है. इसलिए वे इसकी सीबीआई जांच की मांग करते हैं.
अपराधियों को सरकारी संरक्षण-कमलनाथ
कमलनाथ ने कहा कि इस घटना से मध्य प्रदेश की दुनियाभर में बदनाम हो गया है. पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार के राज में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं. पुलिस प्रशासन का अपराधियों को संरक्षण मिला हुआ है. ऐसे में लोगों को शक है कि मामले में सही कार्रवाई हो पाएगी.
क्या है नेमावर हत्याकांड
29 जून को देवास के नेमावर के एक खेत से एक ही परिवार के 5 लोगों के कंकाल निकाले गए थे. यह कंकाल खेत के अंदर 10 फीट नीचे गहरे गड्ढे से मिले थे. यह कंकाल 13 मई से लापता चल रहे आदिवासी परिवार के सदस्यों के थे. जब मामले का खुलासा हुआ तो हर कोई हैरान रह गया. बताया गया कि परिवार की युवती के आरोपी सुरेन्द्र के साथ प्रेम संबंध थे. युवती जब आरोपी पर शादी का दबाव बनाने लगी, तो उसे रास्ते से हटाने के लिए आरोपी सुरेन्द्र ने युवती सहित उसके परिवार की हत्या कर दी थी, और शवों को खेत में 10 फीट नीचे गाड़ दिया था.
आरोपी 2 महीने से पुलिस को दे रहे थे चकमा
पुलिस ने इस जघन्य हत्याकांड मामले में 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों ने घटना को इतना शातिर तरीके से अंजाम दिया था कि 2 महीने तक पुलिस परिवार के लापता सदस्यों को ढूंढ नहीं पाई थी. पुलिस को चकमा देने के लिए आरोपी बड़े ही शातिर तरीके से अलग-अलग लोकेशन पर जाकर युवती का मोबाइल ऑन करते थे और फिर बंद कर देते थे. इतना ही नहीं आरोपियों ने शवों को गलाने के लिए शवों के साथ यूरिया और नमक डाला था.
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आरोपियों के घर-दुकान ढहाए
नेमावर बस स्टैंड के पास वार्ड नंबर10 में मुख्य आरोपी सुरेंद्र और उसके भाई वीरेंद्र के मकान और दुकानों पर प्रशासन JCB मशीन लेकर पहुंचा. पुलिस की मौजूदगी में आरोपियों के मकान और दुकानों तोड़ दिया गया. वार्ड नंबर 14 में दूसरे आरोपी विवेक के पैतृक घर को भी प्रशासन ने ढहा दिया. कार्रवाई के दौरान कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला, एसपी शिव दयाल सिंह सहित बड़ी संख्या में पुलिस जवान मौजूद थे.