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करेंसी का जूता कनेक्शन: नोट प्रिंटिंग प्रेस में चोरी करने वाले डिप्टी कंट्रोलर को उम्रकैद, जूते में छुपाकर चुराए थे 90 लाख - देवास करेंसी का जूता कनेक्शन

हाई सिक्योरिटी जोन में शामिल देवास की बैंक नोट प्रेस से 90.59 लाख रुपये चुराने पर डिप्टी कंट्रोलर को न्यायालय ने सजा सुनाई है. करेंसी चुराने वाले इस शख्स को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. मामले में कोर्ट ने 4 साल की सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाया है. आरोप सिद्ध होने पर आरोपी को तीन धाराओं में दंडित करते हुए आजीवन कारावास और 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

Shoe connection of currency, life imprisonment to deputy controller
करेंसी का जूता कनेक्शन, डिप्टी कंट्रोलर को आजीवन कारावास

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Published : Mar 17, 2022, 5:53 PM IST

देवास.नोट प्रिंटिंग प्रेस से नोट चुराने वाले डिप्टी कंट्रोलर को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. देवास की नोट छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस के डिप्टी रजिस्ट्रार मनोहर वर्मा पर 90 लाख से ज्यादा रुपए चुराने का आरोप था. डिप्टी कंट्रोलर प्रिटिंग मिस्टेक वाले नोटों को अपने जूते में छुपाकर लाता था. इन नोटों पर बहुत बारीक गलती होती थी जो सामान्य आदमी को पहली नजर में नजर ही नहीं आती थी. इस तरह प्रेस से नोट लाकर यह उन्हें आसानी से बाजार में खपा देता था. यह मामला 4 साल पुराना है. जिसमें लगातार सुनवाई जारी थी. अब दोष सिद्ध होने पर कोर्ट ने डिप्टी कंट्रोलर की सजा का ऐलान किया है. न्यायालय ने दोषी पर 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

करेंसी का जूता कनेक्शन, डिप्टी कंट्रोलर को आजीवन कारावास

जूते में छिपाकर ले जाता था नोट
आरोपी इन नोटों को जूते में छिपाकर आसानी से सिक्युरिटी को पार कर लेता था. पहली बार 19 जनवरी 2018 को सीआईएसएफ ने शक होने पर डिप्टी कंट्रोलर मनोहर वर्मा को पकड़ा था. जिसके बाद मामले की जांच की गई. वर्मा के ऑफिस व घर से 90 लाख 59 हजार 300 रुपये नगदी जब्त की गई. ये वही प्रिंटिग मिस्टेक वाले नोट थे जिन्हें रिजेक्ट कर प्रेस में ही रखा जाता था. बाद में इन्हें नष्ट कर दिया जाता था. खास बात यह है कि इस रिजेक्ट करेंसी की जांच मनोहर वर्मा ही करता था. इसी दौरान वह रिजेक्ट करेंसी से कुछ नोट अपने जूते में छिपाकर हर रोज ही लाता था.

कुछ सुपरवाइजर भी हुए निलंबित
मामले की पूरी जांच के दौरान कुछ सुपरवाइजरों को भी निलंबित किया गया था. हाई प्रोफाइल और देश की करेंसी से जुड़ा मामला होने के चलते इस केस में मनोहर वर्मा को जमानत नहीं मिली थी. चार्जशीट फाइल होने के बाद मामले में लगातार सुनवाई जारी थी. दोष सिद्ध होने के बाद डिप्टी कंट्रोलर को तीन अलग अलग धाराओं में आजीवन कारावास और 75 हजार का जुर्माना भी लगाया है.

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