छिंदवाड़ा। Valentine Week 2022: वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही प्रेमी युगलों के लिए वैलेंटाइन वीक की शुरुआत 7 फरवरी सोमवार से हो गई. जिसे पहले दिन रोज-डे के रूप में मनाकर प्यार करने वाले युगल एक-दूसरे को लाल रंग का गुलाब देकर अपने अहसास और प्यार को जाहिर करते हैं. वैलेंटाइन वीक में सबसे ज्यादा अगर किसी चीज का महत्तव होता है तो वह है लाल गुलाब. दोस्ती से लेकर प्यार तक की शुरुआत एक दूसरे को गुलाब देकर ही की जाती है. गुलाब चाहे किसी भी रंग का हो वह लोगों के चेहरे पर एक अलग ही मुस्कान ले आता है. मगर रेड रोजेस का मतलब प्यार होता है. (Valentine Day Special)
छिंडवाड़ा में लाल गुलाब की बढ़ी मांग डेढ़ एकड़ की जमीन पर होती है गुलाब की उपज
वैलेंटाइन डे पर प्यार का इजहार करने वाले लोग विशेष रूप से लाल गुलाब का इस्तेमाल करते हैं. लाल गुलाब की डिमांड सर्वाधिक होती है. वहीं लाल गुलाब की सप्लाई छिंदवाड़ा से दिल्ली, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई जिलों में भारी मात्रा में होती है. छिंडवाड़ा में गुलाब की कई वैरायटी देखने को मिलती है. इसके उपज के लिए लगभग डेढ़ एकड़ की जमीन का इस्तेमाल किया गया है. जो तीन पॉली हाउस में लगे हुए हैं. इस डेढ़ एकड़ में लगे गुलाब से लगभग 12 लाख रुपए की इनकम होती है. लेकिन पिछले साल कोरोना संक्रमण की वजह से यहां भारी नुकसानों का सामना करना पड़ा था.
वेलेंटाइन डे पर बाजारों में गिफ्ट्स की भरमार
14 फरवरी प्यार का इजहार करने वाले कपल्स के लिए यह खास दिन होता है. यहां प्यार का त्योहार पूरे 7 दिनों तक चलता है. वैलेंटाइन डे का खास तौर पर युवाओं में ज्यादा चार्म होता है. लेकिन आज का समय ऐसा आ गया है कि अब हर वर्ग के लोग इसे खुशी से मनाते हैं. वेलेंटाइन डे पर प्रेमी युगल एक दूसरे को गिफ्ट देते हैं. साथ ही गुलाब भी देते हैं. वेलेंटाइन डे को लेकर बाजार में अलग-अलग प्रकार के गिफ्ट वस्तुओं की भरमार लगी रहती है. गिफ्ट के साथ ही इस दिन गुलाब का भी एक अगल महत्व होता है, और इसी वजह से बाजारों में इनकी मांग बढ़ जाती है. (Valentine day red roses cost)
छिंडवाड़ा में लाल गुलाब की बढ़ी मांग कोरोना काल में ठप था बाजार
पिछले 2 सालों में कोरोना काल के चलते हर व्यापार, व्यवसाय करने वाले लोगों को ही नहीं बल्कि सभी व्यक्ति, और हर वर्ग पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है. फूलों की खेती करने वालों को भी भारी नुकसान हुआ है. लाखों की लागत लगाने के बाद भी बाजार नहीं मिल पाने के कारण, करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है. हालात ऐसे हो गए थे की मजबूरन फूलों को तोड़कर कचरे में फेंक दिया जाता था. मजदूरों के मेहनत तक का पैसा नहीं निकल पाता था. लेकिन इस साल संक्रमण कम होने के कारण फिर से फूलों की खेती में बहार आ गई है. इस साल लोग वैलेंटाइन डे पर बाहर निकल रहे हैं. जैसे ही वैलेंटाइन वीक 2022 की शुरुआत हुई लाल गुलाब की डिमांड के साथ-साथ सप्लाई की वजह से कीमत भी बढ़ गई.
दिल्ली में लाल गुलाब की अधीक मांग
वैलेंटाइन वीक और साथ ही शादियों में इस लाल गुलाब की काफी अधिक मांग होती है. इसके साथ ही वैलेंटाइन वीक के पूरे सात दिन अलग-अलग फ्लावर की भी बेहद मांग होती है. आलम यह होता है कि लोग इस समय प्यार के इजहार के साथ-साथ दोस्ती का भी एक दूसरे की तरफ हाथ बढ़ाते हैं. दोस्ती करने के लिए भी कई लोग इस वैलेंटाइन डे का इंतजार करते हैं, और समय आते ही अलग रंग का गुलाब एक दूसरे को देते हैं. हालांकि दिल्ली के मार्केट में सबसे अधिक रेड रोज की मांग होती है. (Chhindwara demand of red roses increases)
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डायरेक्ट ट्रेन ना होने की वजह से गुलाबों के दाम बढे़े
छिंदवाड़ा से दिल्ली तक चलने वाली ट्रेन का रूट चेंज हो जाने के कारण अब बाजार तक सीधे फूलों की डिलीवरी नहीं हो पाती है. इसकी वजह से काफी पैसे भी खर्च होते हैं. वहीं ट्रेन ज्यादा देर तक स्टेशन पर नहीं रुकने की वजह से छिंडवाड़ा से सीधे दिल्ली गुलाब की सप्लाई नहीं की जाती है. अब उन्हें मजबूरन पहले छिंदवाड़ा से नागपुर फूलों को भेजना पड़ता है, और फिर नागपुर से दिल्ली के लिए ट्रेन रवाना होती है. इसकी वजह से ट्रांसपोर्टेशन और मजदूरों का खर्चा बढ़ गया है और गुलाब के दाम में इजाफा हुआ है.