छिंदवाड़ा।सोमवार 26 सितंबर 2022 से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो रहा है. नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों को पूजा जाता है, इसमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमात, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. यह नवरात्रि के त्योहार को पूरे देश में बड़े ही धूमधाम के साथ लोग मनाते हैं. हर कोई मां की भक्ति में डूबकर मां की आराधना करता है. माता रानी को लाल रंग से बेहद प्यार है. आखिर क्यों माता रानी को लाल रंग भाता है, जानिए इसके बारे में पंडित चंद्रप्रताप द्विवेदी से,
माता रानी को सबसे ज्यादा प्रिय है लाल रंग:माता जी को लाल सिंगार के साथ ही लाल वस्तु पसंद है. इसके पीछे का कारण पंडित जी बताते हैं कि, किसी भी शुभ अवसर पर चाहे शादी विवाह हो या फिर अन्य कार्य लाल कपड़े ही उपयोग किए जाते हैं. लाल सिंदूर लगाने के पीछे का एक वैज्ञानिक कारण भी है. माताओं की मस्तिष्क में एक रक्त वाहिका होती है, उसके ऊपर जब सिंदूर का लेप लगता है तो शीतलता प्रदान करता है और माता अगर शांत रहेंगी तो उनकी संतान हमेशा शांत चित्त रहती है. इसीलिए लाल सिंदूर लगाया जाता है. इसी तरह पुरुषों में माथे पर लाल तिलक लगाया जाता है कि जहां पर तिलक लगाया जाता है, तीसरा नेत्र कहा जाता है यानी ज्ञान का चक्षु और आज्ञा चक्र भी कहते हैं. यहां पर अगर सिंदूर का लेपन करें तो इससे बुद्धि में विकास होता है इसलिए तिलक लगाने का असर होता है. पंडित का कहना है कि माता जब क्रोध अवस्था में थी तो उन्होंने कई असुरों के मुंड काटे थे, और रक्त रंजित हुई थी. रक्त भी लाल रंग का होता है इसलिए माता जी को लाल रंग बेहद पसंद है.