सतना।मैहर में विश्व प्रसिद्ध मां शारदा देवी का मंदिर है. नवरात्रि मेले को लेकर जिला एवं पुलिस प्रशासन द्वारा चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई. मैहर मां शारदा देवी का मंदिर पूरे देश में 52 शक्तिपीठों में से 1 शक्तिपीठ माना जाता है. यहां साल के चैत्र एवं शारदेय दोनों नवरात्रि में 9 दिनों तक माता के भक्तों का मेला लगता है. पूरे देश के कोने-कोने से श्रद्धालु माता के दर्शन करने अपनी अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं. नवरात्रि मेले को लेकर जिला एवं पुलिस प्रशासन मुस्तैदी से लगा हुआ है.
सतना में मां शारदा देवी का मंदिर सतना में मां शारदा देवी की अलौकिक महिमा:मध्यप्रदेश के सतना जिले के मैहर विधानसभा क्षेत्र स्थित मैहर में मां शारदा देवी का एक ऐसा सुप्रसिद्ध मंदिर है, जहां त्रिकूट पर्वत पर विराजमान मैहर मां शारदा देवी की अद्भुत अलौकिक महिमा है. यहां हर नवरात्रि में 9 दिनों तक मेले का आयोजन किया जाता है. पूरे देश के कोने कोने से प्रतिदिन कई लाखों की तादाद श्रद्धालु यहां माता के करने अपनी अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं. मां शारदा देवी सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं. यहां पर श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार से परेशानी ना हो उसके लिए प्रशासन पूरी तरीके से 9 दिनों तक चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के साथ मुस्तैद रहेगा. इस वर्ष कई लाखों की तादाद में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ने की संभावना है. एडीशनल एसपी सुरेंद्र कुमार जैन ने बताया कि "मैहर नवरात्रि मेले को लेकर चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था लगाई गई है, जिसमें 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन कैमरे से श्रद्धालु की सुरक्षा व्यवस्था पर नजर रहेगी.
छिंदवाड़ा में मां शैलपुत्री का अनोखा दरबार Navratri 2022: देवास माता टेकरी पर एक साथ विराजमान हैं दो देवियां, दर्शन करने मात्र से पूरी होती है मनोकामना
छिंदवाड़ा में मां शैलपुत्री का अनोखा दरबार:छिंदवाड़ा के बुधवारी बाजार में स्थित है मां शैलपुत्री का दरबार है. प्रथम दर्शना जागृत पीठ के नाम से विख्यात मां के दरबार में जो भी सच्चे मन से आता है उसकी मनोकामना पूरी होती है. माता शैलपुत्री की आराधना करने वाले मंदिर के पुजारी पंडित चंद्र प्रताप द्विवेदी ने बताया कि ''ऐसे बहुत ही कम माता के दरबार मिलते हैं जो वटवृक्ष के नीचे होते हैं. माता का मंदिर करीब 150 से 200 साल पुराना है. हालांकि 25 साल पहले इस मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया था''. माता के दर पर यह मान्यता है कि जिनकी बरसों से कोई संतान नहीं है वे सच्चे मन से मां शैलपुत्री का पूजन अर्चन करते हैं तो माता उनकी मनोकामना पूरी करती हैं. जिनके विवाह नहीं होते उनके संबंधों को जोड़ा जाता है.
आस्था का केंद्र है मां कलेही मंदिर Shardiya Navratri 2022: नवरात्रि के पहले दिन माता के पहले रूप शैलपुत्री की होती है पूजा, जानें कौन सा भोग लगाकर मां को करें प्रसन्न
बुंदेलखंड में आस्था का केंद्र है मां कलेही मंदिर:पन्ना जिले के पवई में मां कलेही का मंदिर है. शारदीय नवरात्रि प्रारंभ होते ही सुबह 4 बजे से भक्तों का सैलाब उमड़ रहा है. ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि पर्व पर मां के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं व विघ्न बाधाएं दूर होती हैं. इसीलिए माता के दर्शन करने पन्ना जिले ही नहीं अन्य प्रदेशों से भक्त पहुंचते हैं. मान्यता अनुसार मां कलेही को नगायच परिवार की कुलदेवी माना गया है. बड़े बुजुर्ग बताते हैं कि पहले मां कलेही हनुमान भाटा के पहाड़ पर विराजमान थी और वृद्ध महिला की भक्ति से प्रसन्न होकर वह कन्या के रूप में पहाड़ी से वृद्धा के पीछे पीछे आकर नदी के किनारे विराजमान हो गईं. जहां अब मां का भव्य दरबार बन गया है और सभी की आस्था का केंद्र है.
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