छिंदवाड़ा।भीषण गर्मी से हर कोई परेशान है,हालात यह हो गए हैं कि लगातार गिरते जलस्तर की वजह से छिंदवाड़ा को जल अभावग्रस्त जिला घोषित कर दिया गया है. ऐसे में इंसान ही नहीं जंगली जानवरों का भी बुरा हाल है. जंगल में पानी के स्रोत सूख जाने के कारण अब वन्यप्राणी प्यास बुझाने के लिए जंगल से सटे रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं. सिवनी के पेंच नेशनल पार्क से जुड़े हिस्सों में भी प्यास बुझाने के लिए पार्क लांघकर वन्य प्राणियों के बाहर आने के मामले बढ़े हैं. (chhindwara water crisis)
पानी की तलाश में भटक रहे जानवर: पेंच नेशनल पार्क और जंगलों में जल स्रोत भीषण गर्मी की वजह से सूख रहे हैं. अधिकारी भले ही व्यवस्था बनाने की बात कर रहे हैं, जो कुछ हद तक काम भी आ रही है, लेकिन फिर भी बहुत बड़े हिस्से में अब भी जल संकट की स्थिति बनी हुई है. आलम यह है कि प्यास बुझाने के लिए वन्य प्राणी रिहायशी इलाकों में आ रहे हैं. जहां वे शिकारियों के हत्थे चढ़ जाते हैं, या फिर कई बार नदी नालों में गिर कर मर जाते हैं. जानवरों के सामने जंगल के अंदर पानी की कमी से मौत का डर है, तो वहीं जंगल के बाहर शिकारियों से डर है.
बफर जोन में अब तक हुई ये घटनाएं:पेंच पार्क के चौरई क्षेत्र में पिछले एक पखवाड़े में कई मामले सामने आए हैं. जहां वन्य प्राणी पानी की तलाश में शहर की ओर आए हैं. चौरई से लगे खुटिया में नीलगाय की कुएं में गिरने से मौत हो गई थी. बरेलीपार के पास एक काला हिरण कुएं में गिर गया था. नवेगांव में चीतल कुएं में गिर गया था. 10 दिन पहले पिपरिया मानसिंग में काला हिरण कुएं में गिरा हुआ मिला था. वहीं चांद के पास गोहरगांव में जंगली सूअर पानी की तलाश में कुएं में गिर गया था.