छिंदवाड़ा।भारत को गांवों का देश कहा जाता है. गांव आज भी देश का वो हिस्सा हैं जो न सिर्फ देश की सर्वाधिक आबादी को समाए हुए हैं बल्कि कई दिलचस्प पहलुओं को आज भी जीवित रखे हुए हैं. आमतौर पर गांवों और नगरों के नाम प्रकृति से प्रेरित होकर या उस व्यक्ति के नाम पर रखे जाते थे जिसने गांव या नगर को बसाने की शुरुआत की हो. लेकिन छिंदवाड़ा जिले में एक ऐसा नगर है जहां रहते तो देसी लोग हैं लेकिन उसका नाम विदेशी है. आज हम आपको ऐसे ही विदेशी नगर के बारे में बताने जा रहे हैं.
छिंदवाड़ा से 31 किलोमीटर दूरी पर स्थित है गांव :छिंदवाड़ा जिले से लगभग 31 किलोमीटर दूर स्थित है न्यूटन चिखली कला नगर परिषद. यह नगर पूरी तरह से देसी है लेकिन नाम विदेशी है. यह नाम अंग्रेजों के जमाने के न्यूटन (सर्वेयर) (Newton Surveyor) के नाम पर पड़ा. यह नगर परिषद परासिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. परासिया विधानसभा क्षेत्र पूरा कोल माइंस खदानों (Coal mines quarry) का एरिया है.
खदानों का सर्वे करने आया था न्यूटन : लोगों ने नगर का नाम अंग्रेजी में रखने की पीछे की वजह बताई. लोगों ने कहा कि उनके पूर्वजों ने उन्हें बताया था कि पहले इस जगह का नाम चिखली कला था. जब अंग्रेज शासक भारत आए थे तब परासिया में सवागस कंपनी ने सर्वे करने के लिए न्यूटन नाम के एक सर्वेयर को भेजा था. उन्होंने 20 खदानों का सर्वे किया. लेकिन अंग्रेजों को सिर्फ 19 खदानें बताई. एक खदान जो सबसे ज्यादा कोयले वाली थी उसके बारे में न्यूटन ने कंपनी को जानकारी नहीं दी. जिसके बाद न्यूटन ने चिखली कला को लीज पर ले लिया और वहां से कोयला खदान चलाने लगा. जिसके बाद इस खदान का नाम न्यूटन चीखली के नाम से रखा गया.