छिंदवाड़ा।दुर्गाजी के नौ अवतारों के अलावा 51 शक्तिपीठों में से एक है मां हिंगलाज शक्तिपीठ, जो छिंदवाड़ा के परासिया तहसील में स्थित है. यहां हर नवरात्रि पर भक्तों की भारी भीड़ जुटती है. कहा जाता है कि यहां विराजी हिंगलाज देवी को मां के भक्त ज्योति स्वरूप लाए थे. इसके अलावा हिंगलाज देवी का सबसे प्रसिद्ध मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित है, जिसे नानी की दरगाह के नाम से जाना जाता है. (hinglaj mata temple in chhindwara)
हिंगलाज नाम के पीछे की कहानी:हिंगलाज का अर्थ है सब को तत्काल फल देने वाली मां. हिंग का अर्थ है 'रौद्र रूप' और लाज का अर्थ 'लज्जा' है जो की कथा के अनुसार है. शिव के सीने पर पैर रखकर मां शक्ति लज्जित हुई थी और तभी से रौद्र और लज्जा से मां का नाम हिंगलाज पड़ा. हिंगलाज का यह शक्तिपीठ सती माता के मस्तिष्क से स्थापित हुआ है, इसलिए इसे प्रथम पूज्यनीय कहा जाता है. (chhindwara famous matarani temple)
ऐसे हुई मंदिर की स्थापना:सतपुड़ा की सुरम्य वादियों में वर्ष 1907 को कोयला उत्खनन के दौरान एक अंग्रेज अफसर को माता हिंगलाज की मूर्ति मिली थी. जिसके बाद मां हिंगलाज ने उस अंग्रेज अफसर के स्वप्न देकर कहा था कि मेरी स्थापना करो, मैं हिंगलाज माता हूं. जिसके बाद भी अंग्रेज अफसर ने मूर्ति को कोयला खदान में ही पड़ा रहने दिया. एक बार अफसर अपनी पत्नि, पुत्र और कुत्ते के साथ खदान में घूमने गया था, जिसके बाद अचानक खदान धंसने से अंग्रेज पूरे परिवार सहित उस खदान में दब गया था. बाद में कोयला खदान के मैनेजर को भी माता ने स्वप्न में आकर कहा कि मुझे इसी स्थान पर स्थापित करो. माता की बात रखते हुए उस मैनेजर ने मूर्ति की स्थापना करवाई. धीरे-धीरे मंदिर का निर्माण कराया, आज इस मंदिर को माता हिंगलाज देवी के नाम से जाना जाता है. (durga puja 2022 date)
Sharadiya Navratri 2022: कचहरी माता के मंदिर में लगती है कानूनी विवादों की अर्जी, सत्य-असत्य का होता है फैसला
मंदिर में क्या है खास:इस खास मंदिर में यह भी मान्यता है कि, यहां पर कलश जलाने से भक्तों की हर मुराद पूरी होती है. अंग्रेजों के जमाने में भी इस मंदिर का काफी प्रभाव था, वर्षों से यहां ज्योति कलश की स्थापना की जाती है. यह भी मान्यता है कि यहां के अगरबत्ती कुडं की भभूति में वह शक्ति है, जिससे कई रोगों का इलाज होता है. माता हिंगलाज मंदिर में नवरात्री के दिनों में दूर-दूर से श्रद्धालु भक्ति के रस में झूमते हुए माता के दर्शन करने आते हैं. भारत के अलावा माता हिंगलाज का एक और मंदिर पड़ोसी देश पाकिस्तान के बलूच प्रांत में भी है. (navratri 2022 puja vidhi)