छिंदवाड़ा।भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि के अनुसार हलछठ आज मनाई जा रही है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्मोत्सव मनाया जाता है. हलषष्ठी को हलछठ, हरछठ, खमर छठ, तिन छठ के नामों से जाना जाता है. बलराम जी का मुख्य शस्त्र हल और मूसल है. इसलिए उन्हें हलधर भी कहा जाता है. उन्हीं के नाम पर इस पावन पर्व का नाम हलषष्ठी पड़ा है.Hal Shashti Vrat Importance
हलषष्ठी पर जयकारों से गूंज उठा पन्ना शहर हल की पूजा का विधान: ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन माताएं संतान की लंबी आयु और उनकी सुख समृद्धि के लिए व्रत रहती हैं. पंडित सौरभ त्रिपाठी ने बताया कि भद्रपद के कृष्ण पक्ष की घडी तिथि 16 अगस्त को रात्रि में प्रारंभ हो गई है. जो 17 अगस्त को रात 11 बजकर 44 मिनट तक रहेगी. इस दिन माताएं मिट्टी के छोटे बर्तनों में पांच या खत भुने हुए अनाज या मेव भरती हैं. हलषष्ठी पर श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम के शस्त्र हल की पूजा का भी विधान है. Hal Shashthi 2022
बलराम जयंती आज, जनिए आज के दिन का विशेष महत्व
हलछठ पूजा विधि:इस दिन लोग हल से जुती हुई चीजों का सेवन नहीं करते हैं. इस दिन तिन्नी का चावल, केर्मुआ का साग, फसही के चावल का उपयोग करते हैं. पंडित ने बताया कि माताएं हलाष्टी का व्रत संतान की खुशहाली एवं दीर्घायु की कामना से रखती है. मान्यता के अनुसार इस व्रत में इस दिन गाय के दूध और दही का सेवन नहीं किया जाता. इस व्रत के दिन घर की दीवार पर भैंस के गोबर से छठ माता का चित्र बनाते हैं. इसके बाद भगवान गणेश और माता पार्वती की पूजा की जाती है. महिलाएं घर में ही गोबर से प्रतीक रूप में तालाब बनकर, उसमें झरबेरी, पलाश और कांस के पेड़ लगाती हैं. और पूजा अर्चना करती है. Halashti Fast.
जन-जन में उत्साह:पन्ना स्थित बलदाऊ जी का मंदिर भक्तों की विशेष आस्था का केंन्द्र है. इस मंदिर में श्री कृष्ण के बड़े भाई श्री भगवान बलराम की विशाल प्रतिमा विराजमान है. पन्ना में श्री बल्देव जन्मोत्सव हलछठ महोत्सव को लेकर भक्तों में खासा उत्साह देखा गया. श्री बल्देव जी के मंदिर को सजाया गया है. 12 बजे भक्तों को इंतजार के बाद भगवान के दर्शन हुए भक्त कई घण्टों पहले से भगवान के दर्शन का इंतजार कर रहे थे. जैसे ही भगवान के पट खुले पूरा नगर उनके जयकारों से गूंज गया.