छिंदवाड़ा। बाबा महाकाल और उनकी भस्म आरती की जब बात होती है तो मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकाल मंदिर की याद आती है, लेकिन छिंदवाड़ा में भी एक शिवालय ऐसा है, जहां हर सोमवार मुर्दे की राख से भस्म आरती की जाती है.
भगवान महाकाल मध्य प्रदेश के उज्जैन में विराजमान हैं, उनका ही एक रूप छिंदवाड़ा के मोक्ष धाम के सामने 1995 में स्थापित किया गया और तब से ही हर सोमवार यहां पर भी महाकाल की मुर्दे की राख से भस्म आरती की जाती है.
मोक्षधाम के सामने विराजित महाकाल की प्रतिमा
इस बार सावन सोमवार पर नहीं होंगे मंदिर में कार्यक्रम छिंदवाड़ा के मोक्ष धाम के सामने बाबा महाकाल का मंदिर है. समिति के अध्यक्ष बताते हैं कि जब से बाबा की स्थापना हुई है. तब से हर सोमवार को मोक्ष धाम से मुर्दे की भस्म लाई जाती है और फिर बाबा महाकाल की भस्म आरती की जाती है.
मुर्दे की राख लाने के लिए की जाती है विशेष पूजा
बताया जाता है कि ऐसा कोई सोमवार अब तक खाली नहीं गया, जब मोक्ष धाम में किसी का अंतिम संस्कार न किया गया हो, इसलिए बाबा की भस्म आरती में कभी खलल नहीं पड़ा. मुर्दे की राख लाने के लिए मंदिर समिति के सदस्य और पुजारी मोक्ष धाम जाते हैं और विशेष पूजा अर्चना कर पोटली में राख लाते हैं और उसके बाद बाबा की भस्म आरती की जाती है.
नहीं होगा अखंड पाठ और ना मिलेगा प्रसाद
सावन के महीने में बाबा के सामने रामचरित मानस का अखंड पाठ किया जाता है, लेकिन कोरोना संकट के चलते सरकार की गाइडलाइन के हिसाब से इस बार रामचरितमानस पाठ का आयोजन भी नहीं होगा और ना ही प्रसाद का वितरण होगा. समिति सिर्फ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए भक्तों को भगवान के दर्शन कराएगी.