छिंदवाडा। बिछुआ ब्लॉक के पेंच वन परिक्षेत्र के काहन में एक बाघ का शव मिला है. साहनवाडी गांव के पास टाइगर रिजर्व के बफ़र जोन में हुई बाघ का मौत का कारण फिलहाल अज्ञात बताया जा रहा है. वन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर शव का पंचनामा बनाकर उसका पीएम कराया है. खास बात यह है कि तमाम सुरक्षा उपाय अपनाने के बावजूद छिंदवाड़ा के जंगलों में लगातार बाघ के शव पाए जाने की घटनाएं हो रही हैं. वन विभाग के तमाम प्रयासों और निगरानी के बावजूद भी बाघ की मौत के मामले नहीं रुक रहे हैं. जानकारों का कहना है कि पेंच टाइगर रिजर्व में बाघों का कुनबा बढ़ गया है इसलिए इलाका छोटा होने पड़ने की वजह से बाघ कोर एरिया से बफर जोन में आ जाते हैं.
एमपी बाघों की मौत के मामले में अव्वल
2018 कि बाघों की गणना में मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा 526 भाग पाए गए थे, इसके चलते प्रदेश को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला था. सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि प्रदेश में अब सबसे ज्यादा बाघों की मौत हो रही है. अक्टूबर माह तक प्रदेश में 22 बाघों की मौत हो चुकी है. इनमें ज्यादातर की मौत टेरिटोरियल फाइट में हुई है. बाघों की मौत के मामले में दूसरे राज्यों के मुकाबले मध्य प्रदेश कही आगे हैं. कर्नाटक में 2018 में 524 बाघ मिले थे, यहां इस साल अक्टूबर माह तक सिर्फ 8 बाघों की मौत हुई है. इसी तरह उत्तराखंड में तीन महाराष्ट्र में 11 और उत्तर प्रदेश में सात बाघों की मौत हुई है. बाघों की मौत के अलावा प्रदेश के बांधवगढ़ में ग्रामीणों पर बाघों की हमले भी बढ़े हैं.
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