छिंदवाड़ा। निजी स्कूलों ने पांचवी और आठवीं की बोर्ड परीक्षाओं का विरोध किया है. इसको लेकर शासकीय शाला संगठन ने कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंपा है. निजी स्कूलों के संगठन का कहना है कि अशासकीय विद्यालयों में पांचवी व आंठवी में प्राइवेट पब्लिकेशन की पुस्तके संचालित हैं, जिसका पाठ्क्रम NCERT पर आधारित है. किन्तु अभ्यास माला एवं पाठ भिन्न है, जिसके कारण वर्तमान सत्र 22-23 में राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा निर्धारित प्रश्नपत्र को छात्र/छात्राओं द्वारा हल करना असम्भव है. क्योंकि बाजार में MP पाठ्यपुस्तक निगम व NCERT की किताबे पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होती है व निजी विद्यालयों में प्राईवेट पब्लिकेशन की किताबें जो संचालित है वे NCERT के आधार पर ही तैयार किए गए है, किन्तु पाठ में भिन्नता है जिसके कारण प्रश्नपत्र को हल करने में कठिनाई होगी.
सरकारी स्कूल और निजी स्कूलों के पाठ्यक्रम में अन्तर:निजी स्कूलों के संगठन का कहना है किमान्यता के समय संस्थाओं के द्वारा संचालित पुस्तकों व पब्लिकेशन एवं समस्त पाठक्रम की जानकारी पोर्टल के द्वारा दी गई थी उसी आधार पर हमे मान्यता भी जारी की गई. वर्तमान सत्र में सभी संस्थाओं के द्वारा लगभग 40% या इससे अधिक का कोर्स हो चुका है. अब माह अक्टूबर में कोर्स में परिवर्तन किए जाने से बच्चों के बौद्धिक व मानसिक स्तर पर दुष्प्रभाव पड़ेगा. यदि राज्यशिक्षा केन्द्र द्वारा परीक्षा बोर्ड में ही लेना निर्मित है तो शासकीय शैक्षणिक संस्थाओ की तर्ज पर अशासकीय संस्थाओं को भी छात्र संख्यावार निगम के सभी विषयों की पुस्तकें उपलब्ध कराएं