छिंदवाड़ा। लगभग 5 साल पहले छिंदवाड़ा में बाघ की खाल की तस्करी मामले चार लोगों को आरोपी बनाया गया था. जिनके विरुद्ध प्रकरण कायम कर कार्रवाई लगातार जारी थी. इस मामले में अब मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने जो फैसला सुनाया उसने सबको चौंका दिया. दरअसल, पुलिस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने जिस खाल को बरामद किया था, वह बाघ की जगह कुत्ते की पाई गई. इसलिए न्यायालय ने सभी चारों लोगों को आरोप मुक्त किया है.
छिंदवाड़ा पुलिस की किरकिरी: बाघ की चमड़ी समझकर किया था गिरफ्तार, निकली कुत्ते की खाल, फिर कोर्ट ने सुनाया अपना फैसला - chhindwara latest news
छिंदवाड़ा में लगभग 5 साल पहले बाघ की खाल की तस्करी मामले चार लोगों को आरोपी बनाया गया था. जिनके विरुद्ध प्रकरण कायम कर कार्यवाही लगातार जारी थी. जिसपर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बनाए गए आरोपियों को दोषमुक्त किया है.
क्या है पूरा मामला
मामला 22 जुलाई 2017 का है, जब थाना देहात पुलिस ने गुरैया रानीकामठ से चार आरोपियों को बाघ की खाल बेचने का सौदा करने के दौरान गिरफ्तार किया था. पकडे़ गए आरोपियों में संदीप उर्फ मोनू, राजेश विश्वकर्मा, रामकुमार और अभिजीत उर्फ मटरू शामिल थे. खाल की रिपोर्ट 17 अक्टूबर 2017 को स्कूल आफ वाईल्ड लाईफ फारेंसिक एंड हेल्थ द्वारा जारी की गई थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि यह बाघ की नहीं, कुत्ते की खाल है. मामले की रिपोर्ट संबंधित पुलिस टीम द्वारा दिसंबर 2021 में प्रस्तुत की गई थी.
बनाए गए आरोपी हुए दोषमुक्त
अब पूरे प्रकरण में बाघ की नहीं कुत्ते की खाल की रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने सुनवाई करते हुए वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत, बनाए गए आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया. खास बात यह है, कि अधिकांश प्रकरण में आरोपियों को बरी किया जाता है, लेकिन उक्त प्रकरण में न्यायालय ने आरोपों को आधार नहीं होने पर आरोपियों को दोषमुक्त किया.