छिंदवाड़ा। जिले के चौरई तहसील के हरदुआ गांव में कुएं में गिरे बाघ को वन विभाग की टीम में बाहर निकाल लिया है. बाघ जिले के पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष शैलेंद्र पटेल के कुएं में गिर गया था. जब गुरुवार सुबह शैलेंद्र पटेल कुएं की तरफ से आ रही आवाजों को सुनकर वहां पहुंचे, तो कुएं के अंदर बाघ को देखकर दंग रह गए. शैलेंद्र पटेल ने इसकी सूचना तुरंत पेंच टाइगर रिजर्व की टीम को दी. Tiger Successful Rescue in Chhindwara
कुएं में पानी के चलते नहीं किया ट्रेंकुलाइज: हरदुआ ग्राम पेंच नेशनल पार्क के बफर जोन से सटा हुआ है. माना जा रहा है कि डेढ़ वर्षीय बाघ बीती रात्रि में विचरण करते हुए ग्राम की सीमा में आ गया होगा और फिर अंधेरे की वजह से कुएं में गिर गया. गिरने के बाद बाघ कुएं में ही बने पानी की मोटर रखने के स्टैंड पर ही बैठा रहा. कुएं में पानी होने की वजह से बाघ को ट्रेंकुलाइज भी नही किया जा सकता था. ऐसे में बिना ट्रेंकुलाइज किये बाघ का रेस्क्यू करना वन विभाग के लिए बड़ी चुनौती थी.
पिंजरे में मांस रखकर कुएं में उतारा:वन विभाग द्वारा सबसे पहले कुएं तक क्रेन को पहुंचाने के लिए जेसीबी के माध्यम से रास्ता बनाया गया. फिर क्रेन के माध्यम से एक पिंजरे में मांस रखकर उस पिंजरे को कुएं में उतारा गया. पिंजरे में मांस देख जैसे ही बाघ पिंजरे में आया फौरन टीम द्वारा पिंजरे का दरवाजा बंद होते ही पिंजरे को ऊपर खींच लिया. पिंजरे में कैद होने के बाद भी बाघ लगातार अपनी दहाड़ से दहशत मचा रहा था. रेस्क्यू किये गए बाघ को अब वन विभाग द्वारा पेंच नेशनल पार्क में छोड़ा जाएगा.
कुएं के भीतर रेलिंग पर बैठा बाघ:बाघ को बचाने की कोशिश के बीच किसी तरह उसे कुंए के भीतर बने रेलिंग पर बैठाने में सफलता हासिल हुई. बाघ वहां बैठा मगर चारों तरफ से लोगों से घिरा होने की वजह से असहज हो रहा था. लोगों की भीड़ देख दहाड़ता रहा.