छिंदवाड़ा। पांडू पिपरिया गांव में रहने वाली पूनम अपने पति के दिव्यांग हो जाने के बाद भीख मांग कर परिवार का गुजर-बसर करती है, कई दिनों से वह अपने पति के लिए ट्राइसाइकिल की मांग कर रही है. दिव्यांगता का प्रमाण पत्र होने के बाद भी ट्राइसाइकिल नहीं मिलने पर कलेक्टर कार्यालय पहुंची, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं मिला तो आखिरकार मायूस होकर वापस लौट गई.(Divyang wandering waiting for tricycle) (MP government schemes Benefits)
कलेक्टर कार्यालय में नहीं हो रही सुनवाई:स्वास्थ्य विभाग से 60 फीसदी से भी अधिक दिव्यांगता का प्रमाण पत्र होने के बाद अभी तक ट्राइसाइकिल नहीं मिली, ना ही पेंशन प्रकरण स्वीकृत हो सके हैं. काफी दिनों से महिला इधर-उधर भटकने के बाद जब स्थानीय प्रशासन अनसुना करता रहा, सुनवाई नहीं होने के बाद महिला अपने दिव्यांग पति को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंची. यहां कलेक्टर कार्यालय में दिनभर महिला अपने पति को लेकर इधर-उधर घूमती रही, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था. ट्राइ साइकिल