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India Oldest Ramleela: लालटेन की रोशनी में शुरू हुई रामलीला अब हुई हाईटेक, 134 साल से परंपरा को निभा रहे यहां के लोग - india oldest ramleela

नाट्यकला ही नहीं जनमानस को जागरूक करने का मंच कभी लालटेन की रोशनी, चूने और मिट्टी के मेकअप से शुरू हुई रामलीला अब हाईटेक हो गई है.यह रामलीला भले ही आधुनिक युग में संसाधनों का सहारा ले रही है, लेकिन लगातार अपनी संस्कृति को चलाना और धर्म से लोगों को जोड़े रखना किसी मिशाल से कम नहीं है.देखें खास रिपोर्ट... (india oldest ramleela) (134 year old ramleela program) (ramleela near me 2022) (Chhindwara hi tech Ramlila)

Ramleela mandal chhindwara
छिंदवाड़ा रामलीला प्रोग्राम

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Published : Sep 28, 2022, 1:05 PM IST

Updated : Sep 28, 2022, 2:15 PM IST

छिंदवाड़ा।भले ही दुनिया सोशल मीडिया के युग में चली गई हो लेकिन छिंदवाड़ा की एक ऐसी परंपरा है जो आज भी पिछले 134 सालों से लगातार चली आ रही है. हम बात कर रहे हैं मप्र की सबसे पुरानी रामलीला मंडली की जो लगातार परंपरा को निभाते आ रहे हैं. 1889 में लालटेन की रोशनी में शुरु हुई रामलीला इस साल आधुनिक तकनीक के साथ 134 वे साल में प्रवेश कर चुकी है. (india oldest ramleela) समय बदलता गया उस हिसाब से रामलीला मंडल ने भी बदलाव किए लेकिन संस्कार और परंपरा चलती रहे इसलिए आज भी मर्यादापुरूषोत्तम की लीला का मंचन होता है. (Chhindwara hi tech Ramlila)

छिंदवाड़ा 134 साल से रामलीला की परंपरा को निभा रहे यहां के लोग
छिंदवाड़ा 134 साल से रामलीला की परंपरा को निभा रहे यहां के लोग

400 लोगों की टीम करती है काम: रामलीला मंडली (Ramleela mandal chhindwara) के लिए करीब 4 सौ लोंगो की टीम काम करती है. शुरुआत होने के एक महीने पहले ही लोग अपने अपने काम में लग जाते हैं. और बाद में मंच पर दिखते हैं. रामलीला में काम करने वाले सभी लोग किसी ना किसी नौकरी या व्यवसाय से जुड़े हैं. लेकिन अपनी परंपरा चलती रहे इसके लिए 1 महीना अपने कामों से समय चुराकर निशुल्क रामलीला को देते हैं. रामलीला की सबसे बड़ी खासियत है कि, यहां एक नहीं चार चार पीढ़ियां एक साथ काम कर रही है. रावण का किरदार निभा रहे डॉकघर में पोस्टमास्टर की नौकरी करने वाले विनोद विश्वकर्मा बताते हैं कि, वे 47 सालों रामलीला में मंचन कर रहे हैं. और रावण का किरदार 23 सालों से निभा रहें हैं. उनकी खुद की तीसरी पीढ़ी अब रामलीला में मंचन कर रही है.

छिंदवाड़ा 134 साल से रामलीला की परंपरा को निभा रहे यहां के लोग
लालटेन की रोशनी में शुरू हुई रामलीला अब हुई हाईटेक

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लालटेन की रोशनी में शुरू हुई थी रामलीला:रामलीला मंडली के अध्यक्ष सतीश दुबे बताते हैं कि समय बदला है और आधुनिक मीडिया के युग में रंगमंच तक दर्शकों को लाना बड़ी चुनौती होती है. फिर भी वे इस दौर में लोगों को मंच तक लाकर राम की लीला और उनके आदर्शों को परोसने का काम कर रहे हैं. जिससे की लोग अपनी संस्कृति से जुड़े रहे समय बदला है तो रामलीला ने अपनी तकनीक बदली है. शुरुआत में बिजली नहीं तो लालटेन की रोशनी में रामलीला होती थी.अब इसमें तकनीक सहारा लेते हुए 3 डी इफेक्ट डाले गए हैं. ऐसे नजारे जो मंच पर दिखाना मुश्किल होता है. उनको पहले छिंदवाड़ा में ही कलाकारों द्वारा फिल्माया गया और फिर उन्हें स्क्रीन पर दिखाया जा रहा है. खास बात यह है कि, जो कलाकर एलईडी में दिखाया जाता है वो ही असल कलाकर मंच पर भी होता है.

राम लक्ष्मण सीता के किरदार

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Last Updated : Sep 28, 2022, 2:15 PM IST

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