मध्यप्रदेश की सियासत में इन दिनों खलबली मची हुई है, मध्यप्रदेश की राजनीति में अहम भूमिका निभाने वाले और जनता में लोकप्रिय रहने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया अब कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा के साथ हो गए हैं. सिंधिया प्रदेश की राजनीति के ही नहीं बल्कि देश की राजनीति के योद्धा माने जाते हैं, चंबल अंचल में इनका बहुत बढ़ा सियासी दबदबा माना जाता है. यही वजह है कि सिंधिया के बागी होने पर कांग्रेस के 6 मंत्री और 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया.
जब ज्योतिरादित्य सिंधिया सांसद थे तो कांग्रेस पार्टी की ओर से अपनी बात संसद में बड़ी बेबाकी से रखा करते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के आलोचकों में से एक माने जाते थे. हर मुद्दों पर सिंधिया मोदी को घेरने से नहीं चूकते थे. यंहा तक कभी ये भी कह दिया कि ये मोदी सरकार रक्षक नहीं भक्षक हैं. लेकिन आज वही सिंधिया भाजपा में शामिल होते ही बोले कि ये देश सुरक्षित हाथों में है.
कब-कब बीजेपी के खिलाफ बोले सिंधिया
- 18 मार्च 2018- कांग्रेस का 84वां अधिवेशन
"मैं मोदी जी और उनकी सरकार को कहना चाहता हूं कि कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता ना कभी झुका है, हमारे गर्दन कट जाएं. लेकिन कभी झुकेगा भी नहीं"
- 15 अप्रैल 2019
"प्रधानमंत्री के पास पूरा समय है पाकिस्तान में बिरयानी खाने का"
- 7 जून 2018- नोटबंदी के समय
"एक तरफ दिल्ली में मोदी जी बैठे हैं जो नोटबंदी कर रहे हैं और मध्यप्रदेश में बैठे हैं उनके छोटे भाई मेरे मुख्यमंत्री. यहां किसान बंदी मंदसौर में कर रहें हैं"
- 6 फरवरी 2017