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कोरोना काल में बदला चुनाव प्रचार का तरीका, युवाओं तक पहुंच बनाने के लिए सोशल मीडिया पर फोकस

कोरोना का असर तमाम दूसरी चीजों की तरह सियासत पर भी हुआ है, लॉकडाउन में नेता और राजनीतिक दलों अपनी बात जनता तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म की मदद ले रहे हैं. आगामी विधानसभा उपचुनाव में भी ऐसे ही आसार नजर आ रहे हैं, की पार्टियों की सोशल मीडिया पर निर्भरता बढ़ेंगी.

way of election campaign change in the Corona era
कोरोना काल में बदला चुनाव प्रचार का तरीका

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Published : Jun 12, 2020, 3:16 AM IST

भोपाल।कोरोना का असर तमाम दूसरी चीजों की तरह सियासत पर भी हुआ है, लॉकडाउन में नेता और राजनीतिक दलों को अपनी बात जनता तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म की मदद ले रहे हैं. आगामी उपचुनाव में भी ऐसे ही आसार नजर आ रहे हैं, पार्टियों की सोशल मीडिया पर निर्भरता बढ़ेगी. युवा कांग्रेस पहले से ही सोशल मीडिया पर पार्टी को मजबूत करने और युवाओं तक मजबूत पकड़ बनाने में जुट गई है. युवा कांग्रेस ने कोरोना संकट में जनता की समस्याओं को सोशल मीडिया पर उठाया और अब उपचुनाव में भी इसे अपना हथियार बनाने की कोशिश में जुट गए हैं. कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे तमाम नेता अपने 15 महीने के अपने कार्यकाल का ब्यौरा दे रहे हैं. कुल मिलाकर आगामी उपचुनाव जमीन पर कम और सोशल मीडिया पर ज्यादा लड़ा जाएगा.

कोरोना काल में बदला चुनाव प्रचार का तरीका

सोशल मीडिया से कांग्रेस का चुनाव प्रबंधन
मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक कुणाल चौधरी का कहना है कि, आज की तारीख में हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता कोरोना से जीत है, चाहे राशन का मामला हो या लोगों को घर पहुंचाने की व्यवस्था हो, अभी हमारा पूरा ध्यान इसी तरफ है. जहां तक चुनाव की बात है, इस बार चुनाव अलग तरीके का रहेगा. चुनाव में बड़ी रैली और बड़ी सभा कम ही होंगे, इस बार राजनीतिक दलों को चुनाव का रणनीतिक प्रबंधन करना होगा. इस बार हम सोशल मीडिया प्रोग्रामिंग के माध्यम से जैसे टिक टॉक वीडियो, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप का उपयोग करके जनता की बात करेंगे.

कुणाल चौधरी ने बताया कि, सोशल मीडिया पर हम लोग अलग-अलग चीजों पर काम कर रहे हैं. अभी हम लोगों ने स्पीक अप इंडिया अभियान पर काम किया था. जिसमें पूरे देश के लोगों ने अपनी बात रखी कि, कोविड-19 में क्या करना चाहिए. गरीबों को राहत, मध्यम वर्ग की जरूरत और मनरेगा के माध्यम से कैसे काम होना चाहिए. अभी हम लोगों ने आम जनता की आवाज उठाने के लिए भी कार्यक्रम किया था. जिसमें लॉकडाउन के कारण आम जनता की समस्याएं उठाई थी. अभी हमने एक अभियान की शुरुआत की है, जो हमारे कांग्रेस सरकार में मंत्री थे, उन पूर्व मंत्रियों को जनता तक पहुंचाने का काम किया है और सोशल मीडिया के माध्यम से हम उनके किए काम और जनता के कल्याण के कार्यक्रम की जानकारी दे रहे हैं.

कोरोना के कारण रैलियों पर संकट
कोरोना वायरस के कहर के बीच परिस्थितियों में बदलाव आया है, राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परिस्थितियों पर भी गहरा असर पड़ा है. कोरोना संक्रमण के दौरान लॉकडाउन की स्थिति में ज्यादातर राजनीतिक गतिविधियां वर्चुअल देखने को मिली हैं. चाहे वह नेताओं की प्रेस वार्ता हो या फिर वर्चुअल रैली, या फिर राजनीतिक दलों की बैठकें हो. सब राजनीतिक गतिविधियों के लिए सोशल मीडिया या मोबाइल एप्लीकेशन और आईटी का सहारा लिया गया है. ऐसी परिस्थितियों के बीच मध्य प्रदेश में 24 सीटों पर उपचुनाव होना है. राजनीतिक दलों का अंदाजा है और संभावना व्यक्त की जा रही है कि, अगर कोरोना संक्रमण की स्थिति ऐसी ही रही, तो बड़ी रैलियां और चुनावी सभा ना के बराबर होंगी.

युवा कांग्रेस अभियान शुरू
उपचुनाव में कोरोना संकट के हाल को देखते हुए राजनेताओं को अपने प्रचार- प्रसार के लिए सोशल मीडिया और अन्य सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यमों का सहारा लेना पड़ेगा. ऐसी स्थिति में मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस ने अभी से अभियान की शुरुआत कर दी है. युवा कांग्रेस ने दो अभियान कोरोना संक्रमण के बीच में चलाए और एक अभियान की शुरुआत उपचुनाव के मद्देनजर की है. इस अभियान के तहत कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे विधायकों का सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं और प्रदेश की जनता से सीधा संवाद कराया जा रहा है. युवा कांग्रेस अभियान की सफलता से उत्साहित भी है.

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