भोपाल।सिविल सर्विसेज की फाइनल परीक्षा का रिजल्ट घोषित हो चुका है. इसमें भोपाल की लिपी नगाइच ने 140 वां स्थान प्राप्त किया है. लिपि 23 साल की उम्र में आईपीएस अफसर बनेंगी. उनके परिजनों ने बचपन से उसे आईपीएस अफसर बनने का सपना देखा था. लिपि की मां नीलिमा के मुताबिक लिपि के नाना ने उसकी कुंडली बनवाई, तो उसमें गृह-नक्षत्रों के आधार पर बताया गया था कि 24 साल की उम्र तक वह उच्च पद पर पहुंचेगी. लिपि ने भोपाल में प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन और यूपीएससी की तैयारी की. इस पर उनके परिवार और परिजनों ने खुशी जाहिर की है. लिपि 3 वर्ष से यूपीएससी (UPSC) की तैयारी कर रही थी. उन्होंने दूसरे प्रयास में सफलता प्राप्त की है.
अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स को करती हैं फॉलो :लिपि बताती हैं कि, उनका लॉ यूनिवर्सिटी में भी सिलेक्शन हुआ था, लेकिन यहां पर उन्होंने ज्वाइन ना कर भोपाल से पॉलिटिकल साइंस में ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन किया. लिपि बताती हैं- "जब मैं इंटरव्यू के लिए गई थी तो महेश्वरी साड़ी पहन कर गई थी. इस दौरान वहां जजेस ने मुझे इस साड़ी की खासियत के बारे में पूछा". लिपी कहती हैं कि उनका खेलों में भी खासा रुझान है और वह अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स को फॉलो करती हैं.
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सिविल सर्विस था लक्ष्य:अपनी सफलता के बारे में बताते हुए लिपि कहती हैं कि, उन्होंने पहले से अपना टाइम टेबल बना रखा था और इसका पालन करती थी. जब वह 12वीं कक्षा में थीं तो उन्होंने पीसीएम लेकर इसे पास किया था, उसी समय उन्होंने मन बना लिया था कि, उन्हें सिविल सर्विसेज का एग्जाम पास करना है. लिपि कहती हैं कि उन्होंने क्लैट का एग्जाम भी पास कर लिया था, लेकिन कॉलेज में एडमिशन नहीं लिया. लिपि भोपाल के एक्सीलेंस कॉलेज से B.Ed कर चुकी हैं. अभी नूतन कॉलेज से MA फाइनल की पढ़ाई कर रही हैं. वह रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ाई करती थीं और ऑनलाइन टेस्ट सीरीज भी देती थीं.
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नाना ने की थी भविष्यवाणी: लिपि के नाना का सपना था कि वह आईपीएस अफसर बने, ऐसे में लिपि ने भोपाल में प्राइमरी से लेकर हायर एजुकेशन और यूपीएससी की तैयारी की. लिपी के पिता डॉ उमाशंकर नगाइच भोपाल के जवाहर बाल भवन के डायरेक्टर हैं. उनकी मां नीलिमा कहती हैं कि लिपि के नाना पंडित थे और उन्होंने लिपि की कुंडली देखकर ही बता दिया था कि बेटी 24 साल की उम्र में उच्च पद पर पहुंचेगी.